Kharmas: नहीं होंगे शादी-विवाह, सगाई, ग्रह प्रवेश
सूर्य की स्थिति कमजोर होने के कारण घरों में शादी-विवाह, सगाई और ग्रह प्रवेश जैसे अन्य मांगलिक कार्यों पर भी रोक लगा दी जाती है। हिंदू धर्म में सूर्य के प्रभाव को बेहद शुभ माना गया है, उनकी कृपा से व्यक्ति के यश, सौभाग्य, सुख-समृद्धि और प्रभाव में वृद्धि होती हैं। इसलिए खरमास में भी सूर्य उपासना करनी चाहिए। इससे कुंड़ली में उनकी स्थिति मजबूत होती हैं, साथ ही साधक को करियर, व्यापार और नौकरी में मनचाहे परिणाम हासिल होते हैं। खत्म हो जाएगी की सभी बाधाएं
सूर्य देव को लाल रंग बहुत प्रिय है, इसलिए पूजा के समय लाल रंग के फूल जैसे गुलाब, गेंदा आदि चढ़ाने चाहिए। गुड़ को सूर्य देव को बहुत प्रिय माना जाता है। इसे सूर्य भगवान को अर्पित करने से स्वास्थ्य लाभ मिलता है और बीमारियां दूर रहती हैं। तांबे के लोटे में जल भरकर सूर्य देव को अर्पित करना बहुत शुभ माना जाता है। गेहूं को सूर्य देव को चढ़ाने से घर में सुख-शांति बनी रहती है और परेशानियां भी धीरे-धीरे दूर होने लगती हैं। लाल चंदन को सूर्य देव को अर्पित करने से मन शांत होता है और सभी बाधाएं खत्म होने लगती है।
सूर्य के धनु प्रवेश के साथ लग जाएगा खरमास
शहनाइयों की गूंज अब थमने वाली है। शहर के एक ज्योतिषाचार्य पं. जागेश्वर अवस्थी ने बताया कि इस बार 15 दिसंबर की रात 10:19 बजे भगवान सूर्य के धनु राशि में प्रवेश के साथ ही खरमास लग जाएगा। इसके साथ ही एक माह के लिए सभी मांगलिक व शुभ कार्य रुक जाएंगे। 14 जनवरी 2025 को मकर संक्रांति के दिन भगवान सूर्य के मकर राशि में प्रवेश करने के साथ ही खरमास की अवधि समाप्त हो जाएगी।
करें भगवान विष्णु और शंकर की पूजा
खरमास के समय भगवान विष्णु व भगवान शंकर की पूजा करना अत्यंत शुभ माना जाता है। पौराणिक मान्यता है कि दान-पुण्य करने से हमारे अच्छे कर्म बढ़ते हैं और इसका फल हमें मृत्यु के बाद भी मिलता है। खासतौर पर खरमास में जब शुभ काम करने की मनाही होती है तब दान-पुण्य जरूर करना चाहिए। इससे जीवन में सुख-समृद्धि आती है।