Sushant Singh Rajput Death Anniversary: साल 2020, एक तरफ कोरोना काल बनकर पूरी दुनिया पर मंडरा रहा था, दूसरी तरफ इस कोरोना की लहर के बीच हंसमुख, टैलेंटेड और हैंडसम अभिनेता के निधन की खबर कानों में पड़ी तो पूरा हिंदुस्तान हिल गया।
वास्तव में 14 जून 2020 का वो दिन सुशांत सिंह राजपूत के फैंस, परिवार के साथ ही पूरे देश को झकझोर कर रख गया था। सुशांत भले ही आज हमारे बीच न हों, लेकिन उनकी मुस्कान, उनकी आंखें और शख्सियत हमेशा जिंदा रहेगी। उनकी मुस्कान को भी खासा पसंद किया जाता था। सुशांत को क्या ग़म था, इसका खुलासा तो आज तक नहीं हो सका और न ही ‘आत्महत्या’ का केस सुलझ सका। लेकिन, वह अक्सर अपने फैंस, दोस्तों के साथ हंसकर ही मिलते थे। उन्हें घर वाले ‘हंसमुख’ नाम से भी पुकारते थे।
घर का नाम ‘गुलशन’
बहुत कम ही लोग जानते हैं कि उनके घर का नाम ‘गुलशन’ था। बहन, पिता समेत घर के अन्य सदस्य उन्हें इसी नाम से पुकारते थे। वास्तव में उनका यह नाम व्यक्तित्व से भी मेल खाता है।
इसके अलावा, उनका नाम गुड्डू भी था। यही नहीं, सुशांत को उनके दोस्तों ने भी कई नाम दिए थे। वे उन्हें ‘सेंट कैरेंस का एल्युमनी’, ‘राजीव नगर का छोरा’, ‘कैप्टन’ जैसे नामों से पुकारते थे।
सुशांत सिंह राजपूत का जन्म बिहार की राजधानी पटना में कृष्णा कुमार सिंह और उषा सिंह के घर हुआ था। इनका पैतृक घर पटना जिले में है। उनके पिता एक सेवानिवृत्त तकनीकी अधिकारी हैं और पटना में बिहार राज्य हथकरघा निगम में कार्यरत थे। सुशांत अपने पांच भाई-बहनों में सबसे छोटे थे।
सुशांत सिंह राजपूत 14 जून 2020 को मुंबई के बांद्रा स्थित अपने घर में मृत पाए गए थे। प्राथमिक सूचना के अनुसार उनके निधन का कारण आत्महत्या बताई गई, इसके साथ ही यह भी बताया गया कि वह कई दिनों से डिप्रेशन में थे।
सुशांत सिंह राजपूत की मौत के मामले को लेकर कई लोगों से पूछताछ भी हुई थी। उनकी पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में मृत्यु का कारण ‘दम घुटना’ बताया गया था। हाई-प्रोफाइल केस को लेकर देश भर में खूब हो-हल्ला मचा था।
टीवी से लेकर फिल्मों तक का सफर
सुशांत सिंह राजपूत एक ऐसा नाम है, जिसने टीवी से लेकर फिल्मों में भी अपनी शानदार और दमदार अभिनय की छाप छोड़ी। शांत चेहरा, सौम्य मुस्कान और अभिनय में दमदार ‘बिहार के लाल’ सुशांत सिंह ने अपने शानदार अभिनय के दम पर दर्शकों के दिलों में खास जगह बनाई।
उन्होंने करियर की शुरुआत टेलीविजन शो ‘पवित्र रिश्ता’ से की थी, जो सफल रहा। शो में उनके साथ अंकिता लोखंडे थीं। इसके बाद उन्होंने फिल्मी दुनिया में कदम रखा और ‘काई पो चे’, ‘एमएस धोनी: द अनटोल्ड स्टोरी’, ‘छिछोरे’, ‘केदारनाथ’, ‘पीके’ जैसी शानदार फिल्मों में काम किया। उनकी आखिरी फिल्म ‘दिल बेचारा’ थी।
सुशांत सिंह राजपूत को अभिनय के अलावा अंतरिक्ष विज्ञान के साथ खगोलीय विधा में भी विशेष रुचि थी। वह इससे जुड़ी किताबें पढ़ते थे और साथ ही अपनी बालकनी में रखे टेलीस्कोप के जरिए चांद-तारों को निहारा करते थे।