1992 के दंगों के बाद खाली हुआ इलाका
स्थानीय लोगों के अनुसार यह इलाका पहले जाटव समाज के हिंदुओं का था जहां पूजा-अर्चना नियमित रूप से होती थी। लेकिन 1992 के दंगों के बाद हिंदू परिवारों को मोहल्ला छोड़ना पड़ा। इस इलाके में अब मुस्लिम समुदाय की आबादी अधिक है। जाटव विकास मंच के अध्यक्ष कैलाश भागमल गौतम और विश्व हिंदू परिषद के प्रदेश प्रमुख सुनील सोलंकी ने मंदिर की सफाई और जीर्णोद्धार की मांग उठाई है।
हिंदू संगठनों ने की मंदिर पुनरुद्धार की मांग
हिंदूवादी संगठनों ने एडीएम वित्त एवं राजस्व को पत्र लिखकर मंदिर के पुनरुद्धार की मांग की है। इसके अलावा, मंदिर के आसपास मांस की दुकानें बंद कराने के लिए जिला प्रशासन और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को भी पत्र भेजने की योजना बनाई गई है। विश्व हिंदू परिषद और अन्य संगठनों का कहना है कि वे प्रशासन की मदद से मंदिर की सफाई का कार्य करेंगे और पूजा-अर्चना की व्यवस्था सुनिश्चित कराएंगे। खुर्जा कोतवाली प्रभारी निरीक्षक राजपाल सिंह तोमर ने बताया कि मंदिर छोटा सा है और उसमें कूड़ा भरा हुआ था। फिलहाल यह स्पष्ट नहीं है कि मंदिर में कौन-कौन सी मूर्तियां थीं। पुलिस ने इस मामले में जांच शुरू कर दी है।
संभल के बाद अब बुलंदशहर में मामला चर्चा में
संभल के बाद अब बुलंदशहर में मुस्लिम आबादी वाले इलाकों में मंदिर मिलने का यह दूसरा मामला है। प्रदेश में ऐसे प्राचीन मंदिरों के मिलने का सिलसिला जारी है, जिससे स्थानीय हिंदू संगठनों और प्रशासन के बीच लगातार संवाद हो रहा है।