रेलवे अधिकारियों ने बताया कि प्रारंभिक जांच में पाया गया कि ट्रैक पर मिली यह लोहे की रॉड टाइबार फेंसिंग की है, जो सामान्यत: रेलवे स्टेशन या कॉलोनी के पास फेंसिंग के लिए उपयोग की जाती है। यह ट्रैक पर कैसे पहुंची, इस मामले की जांच की जा रही है। जहां ट्रैक पर लोहे की रॉड मिली, वहां आसपास रेलवे कॉलोनी और रेलवे स्टेशन नहीं है। ऐसे में आरपीएफ मामले को गंभीरता से लेते हुए जांच कर रही है।
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पहले रख दिया था बाइक का फ्रेम
कोटा रेल मंडल में छबड़ा रेलवे स्टेशन पर कोटा-बीना रेलवे ट्रैक पर 28 अगस्त की रात को गजराज सिंह ने बाइक का फ्रेम रख दिया था। इससे मालगाड़ी दुर्घटनाग्रस्त हो गई थी। जांच के बाद आरपीएफ ने उसे गिरफ्तार किया था।
पांच सदस्यीय टीम गठित
पर्यवेक्षक स्तर के पांच लोगों की जांच कमेटी बनाई गई है। इसमें लोको निरीक्षक, यातायात निरीक्षक, पीडब्ल्यूआई, आरपीएफ, इलेक्टि्रकल विभाग के अधिकारी मामले की जांच करेंगे।
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बूंदी के निकट रेलवे ट्रैक पर लोहे की रॉड मिलने का मामला सामने आया है। सुरक्षा के नजरिए से जांच की जा रही है। जांच के बाद ही मामले में कुछ स्पष्ट किया जा सकेगा। यहां से वंदे भारत एक्सप्रेस गुजरने वाली थी। मामले में रेलवे ने पर्यवेक्षक स्तर की पांच सदस्यीय टीम गठित की है। टीम मामले की जांच कर अपनी रिपोर्ट सौंपेगी।- सौरभ जैन, सीनियर डीसीएम, कोटा रेल मंडल