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8th Pay Commission, सस्ते लोन और टैक्स छूट से चमकेगी बाजार की किस्मत, जानिए किन सेक्टरों की कटेगी चांदी

HSBC और Julius Baer की रिपोर्टों के अनुसार, टैक्स में छूट, सस्ता कर्ज और बढ़ती आय मिलकर भारत में खर्च की लहर को देंगे नई रफ्तार।

भारतJun 25, 2025 / 02:06 pm

Ashish Deep

डिमांड बढ़ने का असर ऑटो, कंज्यूमर गुड्स, इलेक्ट्रॉनिक्स और डाइनिंग जैसे क्षेत्रों में दिखेगा। Patrika

भारतीय बाजार में खपत Consumption) का जबर्दस्त बूम आने वाला है। जानकारों की मानें तो यह सालाना करीब 30 से 40 अरब डॉलर का हो सकता है। HSBC ग्लोबल रिसर्च की हालिया रिपोर्ट बताती है कि Indian Economy के लिए अगले 18 से 24 महीने बेहद शानदार रहने वाले हैं। क्योंकि बाजार में 3441 अरब रुपये का सालाना पूंजी प्रवाह (Capital cash flow) देखने को मिलेगा। इसका फायदा यह होगा कि ग्राहक ज्यादा खरीदारी करेंगे।

Disposable Income बढ़ेगी

रिपोर्ट के मुताबिक फिलहाल देश में वैकल्पिक खर्च (Discretionary spending) का आकार करीब 250 अरब डॉलर आंका गया है। इसमें ऑटोमोबाइल, इलेक्ट्रॉनिक्स, कंज्यूमर गुड्स और डाइनिंग जैसे सेक्टर शामिल हैं। HSBC का मानना है कि Disposable Income (खर्च करने योग्य आय) बढ़ने से इन सेक्टरों में डिमांड का बूम आएगा।

3 बड़े कारण जो बढ़ाएंगे डिस्पोजेबल इनकम

1- Income Tax में छूट

वित्त वर्ष 2025-26 में आयकर दरों में कटौती की गई है, जिससे Tax Payers की लगभग 12 अरब डॉलर की बचत होगी। यह राहत मुख्य रूप से निम्न और मध्यम आय वर्ग को मिलेगी, जिससे उनके पास खर्च करने के लिए अधिक पैसा होगा।

2-8वें वेतन आयोग से लगेंगे पंख

8th Pay Commission FY 2026-27 से लागू होने की संभावना है। इससे केंद्र और रक्षा क्षेत्र के कर्मचारियों की सैलरी में औसतन 15 फीसदी की बढ़ोतरी होने की संभावना है। इससे इन कर्मचारियों को 18 से 26 अरब डॉलर की अतिरिक्त इनकम होगी। जानकारों का मानना है कि इसका बड़ा हिस्सा खर्च में जाएगा, जिससे बाजार में मांग को बूस्ट मिलेगा।

3- ब्याज दरों में गिरावट और महंगाई में राहत

ब्याज दरों में संभावित 75 से 100 बेसिस प्वाइंट की गिरावट से Home Loan जैसे बड़े कर्ज पर सालाना 3 से 4 अरब डॉलर की बचत होगी। अगर मुद्रास्फीति और नीचे जाती है तो ये बचत और बढ़ सकती है।
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क्या है जानकारों का आकलन

1- HSBC का यह भी कहना है कि इनका असर बाजार में धीरे-धीरे दिखेगा। अगले 6 से 9 महीनों में किसी बड़े उपभोक्ता उछाल की उम्मीद नहीं है, लेकिन अगले दो साल में इन सभी कारकों का सम्मिलित प्रभाव बाजार को ऊर्जा देगा।
2- Julius Baer का मानना है कि मिडल क्लास खर्च बढ़ाएगा। ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट में Julius Baer ग्रुप के नितिन रहेजा ने कहा कि भारत में खपत मुख्यतः मिडल और लोवर क्लास के लोगों के नेतृत्व में होगी। उन्होंने बताया कि कम होती महंगाई, अच्छा मॉनसून और कर कटौती जैसे कारकों की वजह से यह वर्ग अधिक खर्च करने को प्रेरित होगा।

कंपनियों की कमाई से भी दिखा सकारात्मक संकेत

HSBC की रिपोर्ट के मुताबिक वित्त वर्ष 2024-25 की चौथी तिमाही (Q4 FY 25) का प्रदर्शन अनुमान से बेहतर रहा। हालांकि NIFTY की FY 26 की आय अनुमान में 5% की कटौती हुई, लेकिन यह पहले की अपेक्षा कम रही। ब्लूमबर्ग के मुताबिक FY26 में NIFTY की आय में 11% और FY27 में 15% की वृद्धि की संभावना जताई गई है। भारत की शीर्ष 500 कंपनियों में से 61% ने Q4 में अपनी आय उम्मीद से बेहतर दर्ज की, जो पिछले दो क्वार्टर से कहीं अच्छी रही है। हालांकि, बैंक और इंश्योरेंस को छोड़ दें तो बाकी सेक्टरों की सेल्स ग्रोथ सिर्फ 5.6% रही। फिर भी, दूसरी छमाही का ग्रोथ रेट पहली छमाही से बेहतर माना जा रहा है।

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