ये भी पढ़े:- इस IPO निवेश का बड़ा मौका! जानें सब्सक्रिप्शन डेट, प्राइस बैंड और GMP के बारे में सब कुछ कौन है अस्मिता जीतेश पटेल? (Who is Asmita Jitesh Patel)
अस्मिता जितेश पटेल (Asmita Jitesh Patel) , जिन्हें ‘ऑप्शंस क्वीन’ और ‘शेयर बाजार की शी वुल्फ’ के नाम से भी जाना जाता है, एक प्रमुख फिनफ्लुएंसर हैं। वे शेयर बाजार और ऑप्शंस ट्रेडिंग पर यूट्यूब चैनल चलाती हैं, जिसके 5 लाख से अधिक सब्सक्राइबर हैं, और इंस्टाग्राम पर उनके 2.80 लाख से ज्यादा फॉलोअर्स हैं। हाल ही में, भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) ने अस्मिता पटेल और उनकी कंपनी ‘अस्मिता पटेल ग्लोबल स्कूल ऑफ ट्रेडिंग प्राइवेट लिमिटेड’ के खिलाफ गंभीर कार्रवाई की है। SEBI ने आरोप लगाया कि अस्मिता पटेल ने बिना पंजीकरण के निवेश सलाहकार सेवाएं प्रदान की और इसके परिणामस्वरूप निवेशकों को धोखाधड़ी के माध्यम से 104 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ।
कैसे हुआ घोटाला?
Asmita Jitesh Patel ने “स्टॉक ट्रेडिंग एजुकेशन प्रोग्राम” के नाम पर एक कोर्स लॉन्च किया था, जिसमें 7 लाख रुपये की भारी फीस वसूली जाती थी। इस कोर्स में लोगों को यह सपना दिखाया गया कि वे बाजार में महारत हासिल कर 30 लाख रुपये को 3 करोड़ तक पहुंचा सकते हैं। लेकिन असल में यह एक बिना लाइसेंस वाली इन्वेस्टमेंट एडवाइजरी सर्विस थी, जिसे सेबी के नियमों का उल्लंघन करते हुए चलाया जा रहा था।
निवेशकों को हुआ करोड़ों का नुकसान
सैकड़ों रिटेल निवेशकों ने अस्मिता पटेल (Asmita Jitesh Patel) की योजनाओं में पैसा लगाया और भारी नुकसान उठाया। जब निवेशकों को रिटर्न मिलने की उम्मीद थी, तब उन्हें अहसास हुआ कि वे एक फर्जी स्कीम का शिकार हो चुके हैं। सेबी की जांच में पाया गया कि इस अवैध गतिविधि से पटेल ने 53.67 करोड़ रुपये जुटाए थे, जिसे अब जब्त कर लिया गया है।
सेबी की कार्रवाई
सेबी ने इस घोटाले को गंभीरता से लेते हुए अस्मिता पटेल और उनकी फर्म पर तत्काल प्रभाव से प्रतिबंध लगा दिया है। साथ ही, सेबी ने उनके सभी बैंक खातों और संपत्तियों को फ्रीज कर दिया है।
तेजी से बढ़ा फिनफ्लुएंसर्स का प्रभाव
शेयर बाजार विशेषज्ञों के अनुसार, भारत में फिनफ्लुएंसर्स (Asmita Jitesh Patel) का प्रभाव तेजी से बढ़ा है, लेकिन बिना लाइसेंस के निवेश सलाह देना सेबी के नियमों का उल्लंघन है। इस मामले ने एक बार फिर यह साबित कर दिया है कि बिना किसी प्रमाणित सलाहकार से वित्तीय मार्गदर्शन लेना जोखिम भरा हो सकता है। नए निवेशकों के लिए सबक
- बिना सेबी रजिस्ट्रेशन वाले एडवाइजर्स से बचें – कोई भी व्यक्ति जो निवेश सलाह देता है, उसे सेबी से रजिस्ट्रेशन कराना जरूरी होता है।
- बहुत ज्यादा रिटर्न का लालच न करें – अगर कोई निवेश योजना आपको असामान्य रूप से ऊंचे रिटर्न का वादा कर रही है, तो यह स्कैम होने की संभावना है।
- निवेश से पहले पूरी जांच करें – किसी भी फिनफ्लुएंसर या एडवाइजरी फर्म की पृष्ठभूमि की जांच करें।
फिनफ्लुएंसर घोटाले क्यों बढ़ रहे हैं?
डिजिटल युग में सोशल मीडिया पर फिनफ्लुएंसर्स (Asmita Jitesh Patel) का प्रभाव बढ़ा है, और लोग इन्हें वित्तीय सलाहकार मानकर भरोसा करने लगे हैं। हालांकि, इनमें से कई लोग सेबी द्वारा अनुमोदित नहीं होते और गैरकानूनी तरीके से निवेश की सलाह देते हैं।
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सेबी अब ऐसे मामलों पर कड़ी नजर रख रहा है और नए नियम लागू करने की योजना बना रहा है, जिससे फिनफ्लुएंसर्स पर लगाम लगाई जा सके।