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म्यूचुअल फंड्स में निवेशकों का भरोसा बढ़ाने की जरूरत (Budget 2025)
AMFI ने वित्त मंत्री से अपील की है कि वे बजट 2025 को इस तरह से पेश करें, जो म्यूचुअल फंड्स को देश के आर्थिक विकास के साथ जोड़ते हुए निवेशकों के लिए वेल्थ क्रिएशन का मजबूत स्तंभ बनाए। AMFI के सीईओ वेंकट चालासानी ने कहा, “हम चाहते हैं कि बजट (Budget 2025) में ऐसे प्रगतिशील कदम उठाए जाएं, जो म्यूचुअल फंड उद्योग को अगले स्तर तक ले जाएं।”पेंशन प्लान लॉन्च करने की अनुमति
म्यूचुअल फंड्स के संगठन ने वित्त मंत्री से एनपीएस (NPS) के समान पेंशन-ओरियेंटेड स्कीम्स को लॉन्च करने की इजाजत देने की मांग की है। यह स्कीम पारंपरिक पेंशन प्लान का विकल्प हो सकती है, जो मार्केट-लिंक्ड और फ्लेक्सिबल प्लान्स के रूप में निवेशकों को लाभ प्रदान करेगी। AMFI का कहना है कि यह कदम असंगठित क्षेत्र में काम करने वालों के लिए फायदेमंद होगा और टैक्स इंसेंटिव्स के जरिए लंबी अवधि के निवेश को बढ़ावा मिलेगा, जिससे विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPI) पर निर्भरता कम होगी।LTCG टैक्स दरों में संशोधन की मांग
AMFI ने पिछले बजट (Budget 2025) में वित्त मंत्री द्वारा बढ़ाई गई कैपिटल गेन टैक्स रेट्स के रोलबैक की मांग की है। 2024 के बजट में शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन टैक्स रेट को 20 फीसदी और लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन टैक्स (LTCG) को 12.5 फीसदी कर दिया गया था, जिसे अब घटाकर क्रमशः 15 फीसदी और 10 फीसदी करने की मांग की गई है। AMFI का कहना है कि अधिक टैक्स रेट्स के कारण रिटेल निवेशक म्यूचुअल फंड्स में निवेश करने से कतराते हैं। म्यूचुअल फंड उद्योग ने लंबी अवधि के निवेश पर LTCG टैक्स में राहत देने का भी अनुरोध किया है।डेट-लिंक्ड सेविंग स्कीम्स लाने की मांग
AMFI ने एक और महत्वपूर्ण कदम की सिफारिश की है, जो कि डेट-लिंक्ड सेविंग स्कीम्स (Debt-Linked Savings Schemes) शुरू करने की है। यह कदम रिटेल निवेशकों को एक नया निवेश विकल्प प्रदान करेगा और भारतीय कॉरपोरेट बॉन्ड मार्केट को विकसित करने में मदद करेगा। साथ ही, AMFI ने ELSS (Equity Linked Savings Schemes) के तहत निवेश करने की सीमा को 500 रुपये के मल्टीपल्स में खोलने की मांग की है।सेक्शन 54EC के तहत इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर में निवेश की अनुमति
AMFI ने वित्त मंत्री से म्यूचुअल फंड्स (Budget 2025) को सेक्शन 54EC के तहत इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर में निवेश करने की अनुमति देने का अनुरोध किया है, जिससे वे कैपिटल गेन टैक्स छूट का लाभ उठा सकें। इसका उद्देश्य प्रॉपर्टी सेल्स से प्राप्त लाभ को इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स में निवेश करना है, जिससे सरकार का उधारी बोझ कम होगा और निवेशकों को अधिक आकर्षक रिटर्न का विकल्प मिलेगा। ये भी पढ़े:- रोजगार, टैक्स कट और सस्ता घर… मिडिल क्लास के लिए बजट में हो सकती है ये 7 बड़ी घोषणाएं