बढ़ी कंपनियों की योग्यता सीमा (GDP Hurun India 500 list)
2024 बर्गंडी प्राइवेट हुरुन इंडिया 500 की न्यूनतम योग्यता सीमा 9,580 करोड़ रुपये रही, जो पिछले वर्ष की 6,700 करोड़ रुपये की सीमा से 43 प्रतिशत अधिक है। पहली बार इस सूची में शामिल सभी कंपनियां कम से कम 1 बिलियन डॉलर की संपत्ति वाली हैं, भले ही रुपये का अवमूल्यन हुआ हो। हुरुन इंडिया के संस्थापक और मुख्य शोधकर्ता अनस रहमान जुनैद के अनुसार, 2024 बर्गंडी प्राइवेट हुरुन इंडिया 500 में शामिल कंपनियां भारत के निजी क्षेत्र की रीढ़ हैं। इनका संयुक्त मूल्य भारत के वार्षिक जीडीपी (GDP) से अधिक है और ये 84 लाख लोगों को रोजगार देती हैं। यदि आप भारतीय अर्थव्यवस्था की प्रगति को समझना चाहते हैं, तो इस सूची में शामिल कंपनियों की कहानियां देखना उपयोगी होगा। ये भी पढ़े:- Zomato के CEO दीपिंदर गोयल ने लॉन्च किया AI प्रोडक्ट ‘Nugget’, इन लोगो को फ्री में उपलब्ध सबसे मूल्यवान कंपनियां
रिलायंस इंडस्ट्रीज (RIL) 17.5 ट्रिलियन रुपये (GDP) के मूल्यांकन के साथ भारत की सबसे मूल्यवान कंपनी बनी हुई है, जिसमें 12 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई। इसके बाद टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS) 16.1 ट्रिलियन रुपये (30 प्रतिशत की वृद्धि) और एचडीएफसी बैंक 14.2 ट्रिलियन रुपये (26 प्रतिशत की बढ़ोतरी) के साथ क्रमशः दूसरे और तीसरे स्थान पर रहे।
सबसे तेजी से बढ़ने वाली कंपनियां
मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज 297 प्रतिशत की वार्षिक बढ़ोतरी के साथ 2024 बर्गंडी प्राइवेट हुरुन इंडिया 500 की सबसे तेजी से बढ़ने वाली कंपनी बनी। इसके अलावा, इनॉक्स विंड और ज़ेप्टो ने भी अपनी वैल्यू लगभग तीन गुना बढ़ाई।
फॉर्च्यून इंडिया 500 से अलग रैंकिंग
दिलचस्प बात यह है कि हुरुन इंडिया 500 सूची में शामिल लगभग 60 प्रतिशत कंपनियां फॉर्च्यून इंडिया 500 सूची में नहीं हैं, जो कंपनियों को राजस्व के आधार पर रैंक करती है। हुरुन 500 भविष्य की संभावनाओं और लाभ क्षमता को अधिक प्राथमिकता देती है। सरकारी स्वामित्व वाली कंपनियों को सूची में शामिल नहीं किया गया है, इसलिए भारतीय स्टेट बैंक (SBI), जिसका मूल्य 7.7 ट्रिलियन रुपये है, इसमें शामिल नहीं है। रिपोर्ट में कहा गया कि एलआईसी, एनटीपीसी और ओएनजीसी जैसी 100 से अधिक सरकारी कंपनियां भी इस सूची में शामिल हो सकती थीं।
पहली बार शीर्ष 10 में शामिल कंपनियां
भारती एयरटेल 9.74 ट्रिलियन रुपये के मूल्यांकन के साथ 75 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज कर पहली बार शीर्ष 5 कंपनियों में शामिल हुई। इसी तरह, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) 4.7 ट्रिलियन रुपये के मूल्यांकन के साथ पहली बार शीर्ष 10 कंपनियों में शामिल हुआ। NSE ने 201 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज कर भारत की सबसे मूल्यवान गैर-सूचीबद्ध कंपनी का दर्जा हासिल किया। अन्य तेजी से बढ़ने वाली गैर-सूचीबद्ध कंपनियों में ज़ेप्टो (269 प्रतिशत), NSE (201 प्रतिशत) और फिजिक्स वाला (172 प्रतिशत) शामिल हैं। ये भी पढ़े:- लंदन से न्यूयॉर्क लौट रहा अरबों डॉलर का सोना! आखिर क्या है अमेरिकी बैंकों की बड़ी रणनीति? भारत की कंपनियां वैश्विक प्रतिस्पर्धा में अग्रणी बनें
2024 बर्गंडी प्राइवेट हुरुन इंडिया 500 सूची इस बात का प्रमाण है कि भारत की निजी कंपनियां वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धा करने की क्षमता रखती हैं। इनकी वृद्धि और संपत्ति का स्तर यह दर्शाता है कि भारतीय कंपनियां न केवल घरेलू बाजार (GDP) में बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी मजबूत स्थिति बना रही हैं।