निवेश में तेज गिरावट चिंता का विषय
मार्च में सबसे ज्यादा निकासी आर्बिट्राज फंड्स, इक्विटी सेविंग्स फंड्स और कंजर्वेटिव हाइब्रिड फंड्स से हुई। मिरे एसेट की सुरंजना बोर्थाकुर ने कहा, हाइब्रिड फंड्स में निवेश में तेज गिरावट चिंता का विषय है। खासकर तब, जब ये प्रोडक्ट बाजार के उतार-चढ़ाव से निपटने के लिए संतुलित जोखिम वाले सॉल्यूशन के रूप में बहुत उपयोगी हैं। ऐसे समय में अनुशासन बनाए रखना, निवेश से जुड़े रहना और हाइब्रिड जैसे डायवर्सिफाइड सॉल्यूशन अपनाना ही निवेशकों को बाजार की अस्थिरता से निपटने में मदद कर सकता है।
निवेशकों को नहीं भा रहे हाइब्रिड फंड
शेयर बाजार में जबरदस्त उतार-चढ़ाव के दौर में हाइब्रिड म्यूचुअल फंड्स से निवेशकों का तेजी से निकलना चौंकाने वाला रुझान है। एम्फी के आंकड़ों के मुताबिक, मार्च में हाइब्रिड फंड्स से 947 करोड़ रुपए का नेट आउटफ्लो दर्ज किया गया, जबकि फरवरी में 6,804 करोड़ का निवेश आया था। यानी एक महीने में निवेश में 86 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई, जिससे साफ है कि निवेशकों की धारणा बदली है। वे हाइब्रिड की बजाय प्योर इक्विटी या प्योर डेट फंड्स जैसे एसेट क्लास का रुख कर रहे हैं। हाइब्रिड के साथ सेक्टोरल-थीमैटिक फंड्स में निवेश में भारी गिरावट दर्ज की गई। इस कैटेगरी में मार्च में केवल 170 करोड़ का इनफ्लो आया, जबकि फरवरी में यह 5,711 करोड़ रुपए था।Gold Price Update: गिरे सोने के भाव, जानिए 10 ग्राम गोल्ड की कीमत
6 माह में ऐसे बढ़ा-घटा हाइब्रिड फंड्स में निवेश
माह निवेश/निकासीअक्टूबर 16,863
नवंबर 4124
दिसंबर 4370
जनवरी 8768
फरवरी 6804
मार्च -946
(राशि करोड़ रुपए में)
किस हाइब्रिड फंड में कितना निवेश
श्रेणी फरवरी मार्चकंजरवेटिव हाइब्रिड -81.5 -217
एग्रेसिव हाइब्रिड 310.2 294
बैलेंस्ड एडवांटेज 665 776
मल्टी एसेट एलोकेशन 2228 1670
आर्बिट्राज फंड्स 3592 -2855
इक्विटी सेविंग फंड 90 -561
(राशि करोड़ रुपए में)