साझेदारी का क्या है मकसद?
इस साझेदारी के तहत, जियो-बीपी और अडानी टोटल गैस अपने-अपने रिटेल नेटवर्क का लाभ उठाकर पेट्रोल, डीजल और सीएनजी की बिक्री करेंगे। जियो-बीपी के पेट्रोल पंपों पर अब अडानी टोटल गैस की सीएनजी उपलब्ध होगी, जबकि अडानी टोटल गैस के चुनिंदा सीएनजी स्टेशनों पर जियो-बीपी का पेट्रोल और डीजल बिकेगा। इस समझौते से दोनों कंपनियां अपने नेटवर्क का विस्तार करेंगी और ग्राहकों को एक ही स्थान पर सभी प्रकार के ईंधन उपलब्ध कराएंगी।सरकारी तेल कंपनियों को टक्कर
जियो-बीपी के पास वर्तमान में देशभर में 1,972 पेट्रोल पंप हैं, जबकि अडानी टोटल गैस 34 भौगोलिक क्षेत्रों में 650 से अधिक सीएनजी स्टेशन संचालित करती है। इस सहयोग से दोनों कंपनियां न केवल अपनी पहुंच बढ़ाएंगी, बल्कि सरकारी तेल कंपनियों जैसे इंडियन ऑयल, बीपीसीएल और एचपीसीएल, जो देश के 90% से अधिक पेट्रोल पंपों पर नियंत्रण रखती हैं, को कड़ी टक्कर देंगी।पहले भी देखा गया साथ
यह पहली बार नहीं है जब अंबानी और अडानी ने एक-दूसरे के साथ साझेदारी की हो। इससे पहले मार्च 2024 में, रिलायंस इंडस्ट्रीज ने मध्य प्रदेश में अडानी पावर के एक प्रोजेक्ट में 26% हिस्सेदारी खरीदी थी और 500 मेगावाट बिजली की खरीद के लिए समझौता किया था। यह साझेदारी ऊर्जा क्षेत्र में दोनों समूहों के बीच सहयोग का पहला कदम थी।कस्टमर को क्या फायदा?
बेहतर पहुंच: एक ही स्थान पर पेट्रोल, डीजल और सीएनजी की उपलब्धता।गुणवत्ता: दोनों कंपनियां उच्च गुणवत्ता वाले ईंधन की आपूर्ति पर जोर दे रही हैं।
प्रतिस्पर्धी कीमतें: बढ़ती प्रतिस्पर्धा के कारण ईंधन की कीमतों में कमी की संभावना।