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FD पर अब कम मिलेगा रिटर्न, SBI ने घटाया 0.20% ब्याज

SBI FD Interest Rate: स्टेट बैंक ऑफ इंडिया ने फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) की ब्याज दरों में कटौती करते हुए 0.20% (20 बेसिस पॉइंट) कर दिया है।

भारतMay 21, 2025 / 01:44 pm

Devika Chatraj

SBI

SBI एफडी पर ब्याज दर में कटौती (प्रतीकात्मक फोटो)

देश के सबसे बड़े सरकारी बैंक, स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) ने अपने ग्राहकों को एक बार फिर झटका दिया है। बैंक ने फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) की ब्याज दरों में 0.20% (20 बेसिस पॉइंट) की कटौती की है, जो 16 मई, 2025 से लागू हो गई है। यह दूसरी बार है जब SBI ने एक महीने के भीतर FD की ब्याज दरों में कमी की है। यह कटौती सभी अवधियों (टेन्योर) और ग्राहक श्रेणियों, जिसमें सामान्य नागरिक और वरिष्ठ नागरिक शामिल हैं, पर लागू होगी।

नई ब्याज दरें

7-45 दिन: 3.3% (पहले 3.5%)
46-179 दिन: 5.3% (पहले 5.5%)
180-210 दिन: 6.05% (पहले 6.25%)
211 दिन-1 साल से कम: 6.3% (पहले 6.5%)
1 साल-2 साल से कम: 6.5% (पहले 6.7%)
2 साल-3 साल से कम: 6.7% (पहले 6.9%)
5 साल-10 साल: 6.3% (पहले 6.5%)
वरिष्ठ नागरिकों के लिए ब्याज दरें 0.50% अधिक हैं, और सुपर वरिष्ठ नागरिकों (80 वर्ष से अधिक) को अतिरिक्त 0.10% ब्याज मिलेगा। सामान्य नागरिकों के लिए ब्याज दरें अब 3.3% से 6.7% के बीच हैं, जबकि वरिष्ठ नागरिकों के लिए 3.8% से 7.3% के बीच हैं।

विशेष FD योजना ‘अमृत वृष्टि’ में भी कटौती

SBI ने अपनी विशेष 444-दिन की FD योजना ‘अमृत वृष्टि’ की ब्याज दरों में भी 0.20% की कमी की है। अब इस योजना में सामान्य नागरिकों को 6.85% और वरिष्ठ नागरिकों को 7.35% ब्याज मिलेगा, जो पहले क्रमशः 7.05% और 7.55% था।

क्यों की गई कटौती?

यह कटौती रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) द्वारा अप्रैल 2025 में रेपो रेट में 25 बेसिस पॉइंट की कमी के बाद की गई है, जिसके बाद कई बैंकों ने अपनी FD दरों में बदलाव किया। RBI ने रेपो रेट को 6% तक कम किया और अपनी नीति को ‘न्यूट्रल’ से ‘एकोमोडेटिव’ में बदला, जिससे बैंकों के लिए उधार लेना सस्ता हो गया। इससे बैंकों को उच्च ब्याज दरों वाली FD की जरूरत कम हो गई।

ग्राहकों पर क्या होगा असर?

इस कटौती का असर उन निवेशकों पर पड़ेगा जो FD में निवेश करके स्थिर आय पर निर्भर हैं। नए FD पर अब कम रिटर्न मिलेगा, जिससे उनकी आय प्रभावित हो सकती है। हालांकि, मौजूदा FD पर पुरानी ब्याज दरें ही लागू रहेंगी, जब तक वे परिपक्व (मैच्योर) नहीं हो जातीं। विशेषज्ञों का सुझाव है कि निवेशक अन्य बैंकों की ब्याज दरों की तुलना करें और अपने निवेश लक्ष्यों के आधार पर निर्णय लें।

क्या करें निवेशक?

तुलना करें: ICICI, HDFC, और अन्य बैंकों की FD दरों की तुलना करें, जो कुछ मामलों में अधिक ब्याज दे सकते हैं।

वैकल्पिक निवेश: म्यूचुअल फंड्स या सरकारी बॉन्ड्स जैसे विकल्पों पर विचार करें, जो बेहतर रिटर्न दे सकते हैं।
लंबी अवधि की FD: लंबी अवधि की FD में निवेश करके मौजूदा दरों का लाभ उठाएं, क्योंकि भविष्य में और कटौती हो सकती है।

SBI की इस दूसरी कटौती ने निवेशकों को अपनी रणनीति पर पुनर्विचार करने के लिए मजबूर कर दिया है। अधिक जानकारी के लिए SBI की आधिकारिक वेबसाइट या नजदीकी शाखा से संपर्क करें।

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