IPO market decline: भारतीय शेयर बाजार में सितंबर के अंत से ही गिरावट जारी है, पर वर्ष 2024 में आइपीओ बाजार पर इस गिरावट को कोई असर नहीं पड़ा और कई बड़े आइपीओ लॉन्च हुए। लेकिन हालात अब बदल गए हैं और वर्ष 2025 में बाजार की गिरावट का बड़ा असर आइपीओ पर भी पड़ा है।
एक तरफ जहां आइपीओ लॉन्चिंग में गिरावट आई है तो दूसरी तरफ बाजार नियामक सेबी के पास आइपीओ के लिए आवेदन करने वाली कंपनियों की संख्या भी करीब 50 प्रतिशत घटी है। इन्वेस्टमेंट बैंकर्स का कहना है कि जिन कंपनियों को आइपीओ लॉन्च करने के लिए सेबी से पिछले साल ही मंजूरी मिल गई थी, वे कंपनियां भी अपने आईपीओ को अगली तिमाही के लिए टाल रही हैं, ताकि बाजार में रिकवरी होने पर आइपीओ लॉन्च कर सकें।
14 कंपनियों ने IPO लाने के लिए दाखिल कराया डीआरएचपी
फरवरी 2025 में सेबी के पास केवल 14 कंपनियों ने अपना आइपीओ लाने के लिए डीआरएचपी दाखिल कराया, जो जनवरी के 29 आवेदनों से कम है। फरवरी में आइपीओ के लिए नवंबर 2024 के बाद किसी भी महीने में सबसे कम आवेदन दाखिल किए गए।
इन कंपनियों ने किया आवेदन
फरवरी महीने में जिन कंपनियों ने IPO के लिए आवेदन किया है, उनमें वीवर्क इंडिया मैनेजमेंट, वीडा क्लीनिकल रिसर्च, अटलांटा इलेक्ट्रिकल्स, अमंता हेल्थकेयर और ग्लोटिस शामिल हैं।
बाजार में गिरावट के कारण IPO में आई गिरावट
वहीं बैंकरों का कहना है कि बाजार में गिरावट के कारण आईपीओ के लिए आवेदनों की संख्या में कमी आई है। विदेशी निवेशकों की लगातार बिकवाली से इस साल निफ्टी 50 अभी तक 6.5 फीसदी टूट चुका है।
इंतजार कर रहीं
आइपीओ साइज की बात करें तो ये 14 कंपनियां कुल मिलाकर 9,695 करोड़ रुपए जुटाने की संभावना देख रही हैं जो 9 महीने में सबसे कम है। प्राइम डेटाबेस के मुताबिक, कंपनियां आइपीओ के लिए आगे बढ़ने से पहले शेयर बाजार में स्थिरता आने का इंतजार कर रही हैं।