अमेरिका में सोने का भंडार दोगुना हुआ (Trump Tariff)
इस साल चुनाव के बाद से अमेरिका में सोने का भंडार दोगुना हो चुका है।
- 5 नवंबर को अमेरिकी सोने का मूल्य 50 अरब डॉलर था।
- अब यह आंकड़ा 106 अरब डॉलर तक पहुंच गया है। इसकी मुख्य वजह ट्रंप के टैरिफ फैसले और निवेशकों में बढ़ती अस्थिरता की चिंता है।
जेपी मॉर्गन और एचएसबीसी कर रही भारी ट्रांसफर
जेपी मॉर्गन और एचएसबीसी जैसी प्रमुख बैंकें लंदन से बड़ी मात्रा में सोना न्यूयॉर्क ला रही हैं। बैंक वायदा बाजार (फ्यूचर मार्केट) में नुकसान की भरपाई के लिए इस सोने का उपयोग कर रहे हैं। न्यूयॉर्क में सोने की कीमत अधिक होने के कारण इन बैंकों को यहां अधिक लाभ मिल रहा है।
लंदन में सोने की कमी और डिलीवरी में देरी
लंदन में सोने की बढ़ती निकासी के कारण वहाँ भंडार में भारी कमी देखी जा रही है।
- पहले सोने की डिलीवरी कुछ दिनों में हो जाती थी।
- अब इसे 4 से 8 सप्ताह लग रहे हैं।
क्या सोने पर भी लग सकता है टैरिफ?
ट्रंप सरकार (Trump Tariff) ने हाल ही में स्टील और एल्यूमिनियम पर 25% आयात शुल्क लगा दिया है। इस फैसले के बाद निवेशकों को डर है कि सोने पर भी ऐसा ही टैरिफ लग सकता है।
बैंक ऑफ इंग्लैंड भी चिंतित
बैंक ऑफ इंग्लैंड (BoE) के डिप्टी गवर्नर सर डेव रैम्सडेन के अनुसार, न्यूयॉर्क और लंदन के बीच कीमतों के अंतर के कारण BoE को भारी मात्रा में सोने की निकासी अनुरोध मिल रहे हैं। इस साल न्यूयॉर्क में सोने की कीमत 11% बढ़ चुकी है। गोल्ड वायदा की कीमत 2,935 डॉलर प्रति ट्रॉय औंस पहुंच चुकी है। विश्लेषकों का अनुमान है कि यह 3,000 डॉलर का नया रिकॉर्ड (Trump Tariff) बना सकता है। बीते कुछ महीनों में BoE के कुल सोना भंडार का 2% यानी 8,000 सोने की छड़ें स्थानांतरित हो चुकी हैं। कैसे किया जा रहा है सोने का ट्रांसपोर्ट?
बड़े पैमाने पर सोने को लंदन से न्यूयॉर्क लाने के लिए जटिल लॉजिस्टिक्स रणनीति अपनाई जा रही है।
- ग्राउंड ट्रांसपोर्ट: बख्तरबंद वैन के जरिए सोने को एयरपोर्ट तक पहुंचाया जाता है।
- रिफाइनिंग प्रक्रिया: सोने को स्विस रिफाइनरियों में भेजा जाता है, जहां इसे विभिन्न आकारों में ढाला जाता है।
- एयर ट्रांसपोर्ट: पुन: ढाले गए सोने को व्यावसायिक विमानों के कार्गो सेक्शन में रखा जाता है और अमेरिका भेजा जाता है।
ये भी पढ़े:- Airtel में बड़ी डील इंडियन कॉन्टिनेंट इन्वेस्टमेंट ने 8,475 करोड़ रुपये में बेची हिस्सेदारी! क्या है इसकी बड़ी वजह?
जेपी मॉर्गन का 4 अरब डॉलर का बड़ा सौदा
जेपी मॉर्गन इस महीने 4 अरब डॉलर मूल्य के सोने की डिलीवरी करने की योजना बना रहा है। डोनाल्ड ट्रंप (Trump Tariff) की टैरिफ नीति और अमेरिका-यूरोप के बीच व्यापारिक तनाव ने सोने की वैश्विक बाजार में अस्थिरता को बढ़ा दिया है। अमेरिकी बैंक (Trump Tariff) इस स्थिति का लाभ उठाकर लंदन से सोना निकालकर न्यूयॉर्क ला रहे हैं। आने वाले समय में यदि अमेरिका सोने पर टैरिफ लगाता है, तो इसका असर पूरी वैश्विक अर्थव्यवस्था पर पड़ सकता है।