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छतरपुर

पॉलीथिन पर रोक फिर भी छतरपुर शहर में हो रही इस्तेमाल

पॉलीथिन का उपयोग कम होने का नाम नहीं ले रहा है। इससे न केवल शहर की सफाई पर असर पड़ रहा है, बल्कि पर्यावरण को भी गंभीर नुकसान हो रहा है।

छतरपुरMar 19, 2025 / 10:58 am

Dharmendra Singh

garbage

कचरे में पड़ी पॉलीथिन

शहर में पॉलीथिन के इस्तेमाल पर रोक लगाए जाने के बावजूद शहर की सडक़ों और गली-मोहल्लों में इसका व्यापक इस्तेमाल जारी है। सरकार और प्रशासन द्वारा इस पर सख्ती से रोक लगाने के आदेश दिए गए हैं, लेकिन इसके बावजूद पॉलीथिन का उपयोग कम होने का नाम नहीं ले रहा है। इससे न केवल शहर की सफाई पर असर पड़ रहा है, बल्कि पर्यावरण को भी गंभीर नुकसान हो रहा है।

शासन के आदेशों के बावजूद पॉलीथिन का जमकर उपयोग


पॉलीथिन के इस्तेमाल पर रोक के लिए नगर निगम और जिला प्रशासन ने कई बार अभियान चलाया है, लेकिन इसके बावजूद बाजारों, दुकानों और घरों में पॉलीथिन का उपयोग रुकने का नाम नहीं ले रहा है। छोटे व्यापारी, फल-सब्जी विक्रेता और यहां तक कि ग्राहक भी पॉलीथिन का इस्तेमाल करने से बाज नहीं आ रहे हैं। दुकानें और व्यापारियों द्वारा ग्राहकों को सामान देने के लिए पॉलीथिन बैग का इस्तेमाल किया जा रहा है, जिसके कारण शहर के विभिन्न हिस्सों में पॉलीथिन के कचरे के ढेर लगे हुए हैं।

सडक़ों और गली-मोहल्लों में बढ़ती गंदगी


छतरपुर शहर की सडक़ों पर पॉलीथिन के कचरे का अंबार लगा हुआ है। खासकर शहर के मुख्य बाजार, चौक बाजार, पुराना पत्रा नाका, और बस स्टैंड क्षेत्र में यह समस्या बहुत गंभीर हो गई है। गली-मोहल्लों में भी पॉलीथिन के पैकेट, बैग और बोतलें बिखरी हुई हैं, जो शहर के सौंदर्य को बिगाड़ रही हैं। यही नहीं, बारिश के मौसम में यह पॉलीथिन कचरा नालियों में जमा हो जाता है, जिससे जलभराव की समस्या भी उत्पन्न हो जाती है।

नगरपालिका से नाखुश लोग


पॉलीथिन पर प्रतिबंध लगाए जाने के बावजूद नगर निगम और जिला प्रशासन की ओर से सख्त कार्रवाई की कमी दिखाई दे रही है। अधिकारियों के मुताबिक, पॉलीथिन के इस्तेमाल को रोकने के लिए कई बार अभियान चलाए गए हैं, लेकिन स्थिति जस की तस बनी हुई है। नगर निगम के कर्मचारी नियमित रूप से सफाई अभियान चलाते हैं, लेकिन पॉलीथिन की समस्या की जड़ पूरी तरह से खत्म नहीं हो पा रही है। वहीं, जिला प्रशासन का कहना है कि पॉलीथिन के इस्तेमाल को रोकने के लिए जागरूकता अभियान चलाने के अलावा कुछ ठोस कदम उठाए जाएंगे, लेकिन इसका परिणाम फिलहाल नजर नहीं आ रहा।

कचरे के ढेर बने बड़ी परेशानी


पॉलीथिन के कचरे का न केवल पर्यावरण पर बुरा असर पड़ रहा है, बल्कि यह शहरवासियों के लिए भी बड़ी समस्या बन गई है। पॉलीथिन के कारण नालियां ब्लॉक हो रही हैं, जिससे जल निकासी में समस्या उत्पन्न हो रही है। इसके अलावा, खुले स्थानों और सडक़ों पर पॉलीथिन का कचरा देखकर आम लोग परेशान हैं। शहर में यह गंदगी बढऩे के कारण लोगों के स्वास्थ्य पर भी नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है, क्योंकि यह कचरा मच्छरों और अन्य कीटाणुओं के लिए एक आदर्श स्थल बन जाता है।

फैक्ट फाइल


कचरा – 50 टन प्रतिदिन
सफाई कर्मचारी-450
सफाई वाहन- 60
कचरा कलेक्शन- 45 वाहन
सफाई मशीनें- 12
वार्ड- 40
आबादी- 2 लाख

पत्रिका व्यू


नगर पालिका और जिला प्रशासन को चाहिए कि वे केवल पॉलीथिन पर प्रतिबंध लगाने के आदेश ही न जारी करें, बल्कि इस दिशा में ठोस कदम उठाए। इस मुद्दे को लेकर व्यापक स्तर पर जागरूकता अभियान चलाने की आवश्यकता है, ताकि लोग पॉलीथिन का इस्तेमाल करने के बजाय पुन: प्रयोग योग्य बैग का इस्तेमाल करें। इसके साथ ही, पॉलीथिन के कचरे को नष्ट करने के लिए नगर निगम को बेहतर तरीके से कचरा प्रबंधन की दिशा में कार्य करने की जरूरत है। पॉलीथिन के इस्तेमाल पर रोक लगाने के लिए केवल प्रशासन और नगर निगम की जिम्मेदारी नहीं बनती, बल्कि समाज के सभी वर्गों को इस दिशा में अपनी भूमिका निभानी होगी। दुकानदारों को प्लास्टिक के बैग का इस्तेमाल न करने के लिए जागरूक किया जाना चाहिए, वहीं आम नागरिकों को भी यह समझाना जरूरी है कि पॉलीथिन का इस्तेमाल न केवल पर्यावरण के लिए हानिकारक है, बल्कि यह शहर की सफाई और उनके स्वास्थ्य के लिए भी खतरे की घंटी है।

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