किसानों की कम नहीं हो रही परेशानी
विभाग का दावा है कि खाद की कोई कमी नहीं है और रैक लगातार आ रही हैं, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही है। खाद के लिए किसानों की लंबी-लंबी लाइनें जस की तस बनी हुई हैं। किसानों को घंटों खाद के लिए इंतजार करना पड़ रहा है। कभी बमीठा, तो कही हरपालपुर और कभी लवकुशनगर में किसान प्रदर्शन कर रहे हैं।
जिले में ये है बोवनी की स्थिति
रबी सीजन में जिले में अब तक करीब 80 फीसदी बोवनी हो चुकी है, और लगभग 3.50 लाख हेक्टेयर भूमि पर खेती हो चुकी है। इस बार गेहूं और जौ के क्षेत्रफल में विशेष बढ़ोतरी देखी जा रही है। लेकिन यूरिया खाद की कमी के कारण 20 फीसदी बोवनी में देरी हो रही है, जो कि किसानों के लिए एक बड़ी चिंता का विषय बन चुका है। यूरिया खाद की भारी आवश्यकता है, क्योंकि यह फसल के उचित विकास के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है।
खाद वितरण में सुधार की उम्मीद
सिविल प्रशासन और पुलिस प्रशासन की ओर से मौके पर पहुंचकर किसानों को समझाइश दी गई, जिसके बाद जाम खुलवाया गया। डीएमओ जैन ने आश्वासन दिया कि इस सप्ताह में और रैक आने के बाद खाद की आपूर्ति में कोई कमी नहीं रहेगी। उन्होंने यह भी कहा कि खाद वितरण की प्रक्रिया को और अधिक पारदर्शी और सटीक बनाने के प्रयास किए जा रहे हैं ताकि किसानों को जल्द राहत मिल सके।
ये है जिले में एक दिन की खाद वितरण की स्थिति
डबल लॉक गोदाम यूरिया छतरपुर 110 मीट्रिक टन हरपालपुर 67 बिजावर 115 बड़ामलहरा 00 घुवारा 5.62 बमीठा 50 लवकुशनगर 58 गढ़ीमलहरा 00
डीएमओ बोले तीन रैक और आ रही
जिले के डिस्ट्रिक्ट मार्केटिंग ऑफिसर (डीएमओ) अभिषेक जैन ने कहा कि जिले में इस साल यूरिया खाद की 31 हजार मीट्रिक टन डिमांड है, जबकि अब तक 21152 मीट्रिक टन यूरिया खाद प्राप्त हो चुकी है। उन्होंने कहा, बीते 10 दिनों में खाद की तीन रैक जिले में आ चुकी हैं, और इस सप्ताह में तीन और रैक आने वाली हैं। इसके बाद खाद की आपूर्ति में सुधार होगा।