ये है मामला यह मामला 2024 में सामने आया था, जब आवेदक अरविंद गिरी निवासी नारायणपुर रोड छतरपुर ने थाना कोतवाली में धोखाधड़ी की रिपोर्ट दर्ज करवाई थी। अरविंद ने बताया कि उसे दिल्ली से व्हाट्सएप के माध्यम से एक स्कॉर्पियो गाडी़ बेचने का प्रस्ताव मिला था। गाडी़ खरीदने के लिए उसने 50000 एडवांस राशि और 15,000 डीजल एवं टोल राशि आरोपियों के खाते में जमा कर दिए। लेकिन बाद में उसे बताया गया कि गाडी़ का दूसरा बुकिंग वाला मॉडल दिखाया गया था और जब वह गाडी़ लेने गया तो उसे धोखा दिया गया। इस पर थाना कोतवाली पुलिस ने भारतीय दंड संहिता के तहत धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया और फरार आरोपियों की तलाश शुरू की।
मुख्य आरोपी और अन्य आरोपियों की गिरफ्तारी धोखाधड़ी के इस मामले में मुख्य आरोपी मोंटी उर्फ हरिचरन अहिरवार था, जो पहले भी एक मारपीट और एक चेक बाउंस के मामले में फरार था। न्यायालय ने उसके खिलाफ स्थाई वारंट जारी किया था और उसकी गिरफ्तारी के लिए पुलिस अधीक्षक अगम जैन ने 6,000 का इनाम घोषित किया था। पुलिस की टीम ने आरोपी मोंटी उर्फ हरिचरन अहिरवार को दिल्ली से गिरफ्तार किया। मोंटी अहिरवार ग्राम रामपुरा थाना मातगुवां जिला छतरपुर का निवासी है, लेकिन वह वर्तमान में दिल्ली में रह रहा था। इसके अलावा, संलिप्त दो अन्य आरोपियों लखन अहिरवार पिता पलटू अहिरवार निवासी ग्राम सडरी थाना नौगांव और दिनेश अहिरवार पिता कालीचरण निवासी ग्राम ललपुर थाना राजनगर को पहले ही गिरफ्तार कर जेल भेजा जा चुका था। मोंटी उर्फ हरिचरन अहिरवार को अब न्यायालय में पेश किया जा रहा है और मामले की विवेचना कार्यवाही जारी है। इस महत्वपूर्ण कार्यवाही में थाना प्रभारी कोतवाली निरीक्षक अरविंद सिंह दांगी, उप निरीक्षक सत्येंद्र सिंह यादव, प्रधान आरक्षक अरविंद कुशवाहा, शैलेंद्र सिंह, आरक्षक अजय मिश्रा, अभय राज एवं साइबर टीम की महत्वपूर्ण भूमिका रही।