दोबारा मिल रहा मौका
यह पुन: परीक्षा उन विद्यार्थियों के लिए रखी गई है जो मार्च-अप्रेल माह में आयोजित मूल्यांकन परीक्षा में न्यूनतम योग्यता अंक प्राप्त नहीं कर सके थे या किसी विशेष कारणवश परीक्षा में सम्मिलित नहीं हो पाए थे। राज्य शिक्षा केंद्र का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि कोई भी विद्यार्थी गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और अगली कक्षा में प्रोन्नति से वंचित न रह जाए। इस परीक्षा के माध्यम से ऐसे विद्यार्थियों को अपनी शैक्षणिक क्षमताओं को पुन: सिद्ध करने का अवसर मिलेगा, जिससे उनके आत्मविश्वास में वृद्धि होगी और वे अपने शैक्षणिक सफर को सुचारु रूप से आगे बढ़ा सकेंगे।
ये है पांचवी की समय सारणी
डीपीसी एएस पांडेय ने बताया पांचवीं कक्षा के लिए संशोधित समय-सारणी के अनुसार, दो जून को प्रथम भाषा जैसे हिंदी, अंग्रेजी, उर्दू एवं मराठी की परीक्षा आयोजित की जाएगी। इसके बाद तीन जून को गणित की परीक्षा होगी, जिसमें दृष्टिबाधित विद्यार्थियों के लिए संगीत विषय का विकल्प भी रखा गया है। चार जून को पर्यावरण अध्ययन, पाँच जून को द्वितीय भाषा (अंग्रेजी या हिंदी), तथा छह जून को तृतीय भाषा जैसे हिंदी, संस्कृत, उर्दू या पंजाबी की परीक्षाएं होंगी।
आठवी के एग्जाम 9 जून तक
पांडेय ने बताया आठवीं कक्षा की परीक्षाएं भी दो जून से शुरू होंगी। पहले दिन प्रथम भाषा (हिंदी, अंग्रेजी, उर्दू, मराठी) की परीक्षा होगी। तीन जून को गणित, चार जून को विज्ञान, पांच जून को सामाजिक विज्ञान, छह जून को द्वितीय भाषा और नौ जून को तृतीय भाषा की परीक्षाएं आयोजित की जाएंगी। तृतीय भाषा में संस्कृत, हिंदी, उर्दू, मराठी, उडिय़ा, पंजाबी और गुजराती जैसे विकल्प विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध रहेंगे।
दिशा निर्देश जारी किए
परीक्षा के सफल संचालन को सुनिश्चित करने हेतु शिक्षा विभाग ने समस्त विकासखंड शिक्षा अधिकारियों, संकुल प्राचार्यों, विद्यालय प्रमुखों और शिक्षकों को आवश्यक निर्देश जारी कर दिए हैं। विभाग ने परीक्षा के दौरान पूर्ण अनुशासन, गोपनीयता और पारदर्शिता बनाए रखने पर विशेष बल दिया है। परीक्षा केंद्रों पर शांतिपूर्ण वातावरण सुनिश्चित करने के लिए सुरक्षा व्यवस्था, बैठने की उचित व्यवस्था, पेयजल, शौचालय एवं अन्य मूलभूत सुविधाओं को उपलब्ध कराने की तैयारी जिला प्रशासन द्वारा की जा रही है।
आत्मविश्वास व एकाग्रता बनाए रखे
इसके अतिरिक्त शिक्षा विभाग और जिला प्रशासन ने सभी विद्यार्थियों और उनके अभिभावकों से यह अपील की है कि वे परीक्षा की तिथियों को गंभीरता से लें, समय पर परीक्षा केंद्र पहुंचें और परीक्षा की संपूर्ण तैयारी करें। विद्यार्थियों को यह भी सलाह दी गई है कि वे परीक्षा के समय संयम, आत्मविश्वास और एकाग्रता बनाए रखें ताकि वे अपने प्रदर्शन में सुधार कर सकें।
दोबारा मिल रहा खुद को साबित करने का मौका
राज्य शिक्षा केंद्र का यह प्रयास उन विद्यार्थियों के लिए एक नया अवसर है, जो किन्हीं कारणों से पहले सफल नहीं हो पाए थे। यह कदम न केवल विद्यार्थियों को दोबारा खुद को साबित करने का मौका देता है, बल्कि शिक्षा के क्षेत्र में समावेशिता और समान अवसरों की दिशा में एक सकारात्मक पहल भी है। परीक्षा परिणामों के आधार पर योग्य विद्यार्थियों को अगली कक्षा में प्रवेश मिलेगा, जिससे उनका शैक्षणिक सफर बिना किसी बाधा के आगे बढ़ सकेगा।