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छतरपुर

भड़ार नदी पर बनेगा उपयोगिता जल प्रबंधन एसटीपी, एआई से होगा संचालन व नियंत्रण

नगर पालिका परिषद द्वारा स्वच्छ भारत मिशन 2.0 के तहत 10.40 करोड़ रुपए की लागत से उयोगिता जल प्रबंधन आधारित सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) का निर्माण किया जाएगा। इस एसटीपी की खास बात यह है कि इसका संचालन आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) तकनीक से होगा, जो इसे देश के सबसे आधुनिक एसटीपी में शामिल करेगा।

छतरपुरJun 18, 2025 / 10:43 am

Dharmendra Singh

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एआई आधारित एसटीपी

बुंदेलखंड केनौगांव नगर में अब जल प्रदूषण और गंदे नालों की समस्या बीते दिनों की बात बनने जा रही है। नगर पालिका परिषद द्वारा स्वच्छ भारत मिशन 2.0 के तहत 10.40 करोड़ रुपए की लागत से उयोगिता जल प्रबंधन आधारित सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) का निर्माण किया जाएगा। इस एसटीपी की खास बात यह है कि इसका संचालन आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) तकनीक से होगा, जो इसे देश के सबसे आधुनिक एसटीपी में शामिल करेगा।

एआई आधारित जल प्रबंधन तकनीक

देश का पहला एआई संचालित उपयोगिता जल प्रबंधन एसटीपी चेन्नई में स्थापित किया गया था। अब नौगांव नगर होगा जहां इस अत्याधुनिक तकनीक से जल शोधन और पुन: उपयोग की प्रक्रिया संचालित होगी। यह पहल भारत में स्मार्ट और सतत जल प्रबंधन की दिशा में मील का पत्थर साबित हो सकती है।

परियोजना के मुख्य बिंदु

नाम- उपयोगिता जल प्रबंधन आधारित सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी)

स्थान- नौगांव, जिला छतरपुर

लागत- 10.40 करोड़

शुद्धिकरण क्षमता- 5.5 एमएलडी (55 लाख लीटर प्रतिदिन)

पाइपलाइन लंबाई – 2.85 किलोमीटर
पुन: उपयोग क्षेत्र – पार्क, मुक्तिधाम, सार्वजनिक स्थल

संचालन प्रणाली- एआई आधारित नियंत्रण और निगरानी प्रणाली

ये है उपयोगिता जल प्रबंधन एसटीपी

इस परियोजना का उद्देश्य केवल दूषित जल को साफ करना नहीं, बल्कि उसे पुन: उपयोग के योग्य बनाना है। ट्रीटमेंट के बाद शुद्ध जल का उपयोग नगर के पार्कों की सिंचाई, मुक्तिधामों की सफाई, सडक किनारे हरियाली तथा अन्य सार्वजनिक स्थलों पर किया जाएगा। बचा हुआ शुद्ध जल भड़ार नदी में छोड़ा जाएगा, जिससे नदी का प्रदूषण स्तर घटेगा और उसकी प्राकृतिक धारा संरक्षित रहेगी।

सामाजिक और पर्यावरणीय लाभ होगा

यह एसटीपी न केवल तकनीकी रूप से उन्नत होगा, बल्कि स्थानीय पर्यावरण और समाज को भी प्रत्यक्ष लाभ देगा। भड़ार नदी में गंदे पानी की निकासी बंद होगी। मच्छरों और जलजनित बीमारियों पर नियंत्रण, जल पुनर्चक्रण से नगर को सालभर हरित बनाए रखने में मदद, भूजल स्तर में सुधार और जल संकट की समस्या में कमी आएगी।

क्यों खास है यह एसटीपी?

चेन्नई में स्थापित पहला एआई संचालित एसटीपी अब नौगांव के मॉडल को प्रेरित कर रहा है। इस तरह की योजनाएं जल प्रबंधन में भविष्य की जरूरत बन रही हैं। एआई तकनीक से ट्रीटमेंट यूनिट की गुणवत्ता, निगरानी और संचालन पहले से कहीं अधिक कुशल हो जाएगा। इससे न केवल ऑपरेशनल खर्च घटेगा, बल्कि जल गुणवत्ता का स्तर भी बेहतर होगा। भड़ार नदी पर बनने वाला यह एसटीपी न केवल जल को पुन: उपयोग योग्य बनाएगा, बल्कि नौगांव के लोगों को एक स्वच्छ, हरा-भरा और स्वास्थ्यकर जीवन देने की दिशा में एक ठोस कदम होगा। एआई आधारित जल प्रबंधन भारत की जल संकट की समस्या का दीर्घकालीन समाधान बन सकता है।

इनका कहना है

परियोजना की सभी प्रशासनिक स्वीकृतियां प्राप्त हो चुकी हैं। टेंडर प्रक्रिया पूर्ण कर ठेकेदार से एग्रीमेंट हो चुका है। इस योजना के तहत नगर के दो बड़े नालों पर बैराज बनाए जाएंगे और 2.85 किलोमीटर लंबी डीआई पाइपलाइन से पानी को पंपिंग स्टेशनों और फिर एसटीपी तक पहुंचाया जाएगा।
आलोक जायसवाल, उपयंत्री, नगरपालिका नौगांव

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