शिकायत करने में भी रुचि नहीं
अक्सर लोग सडक़ से गुजरते हैं। जब उस सडक़ से गुजरते हैं तो कुछ देर के लिए सडक़, सडक़ निर्माता कंपनी एवं सरकार को कोस लेते हैं, लेकिन उस सडक़ पर रुककर कोई भी उसकी शिकायत करने में अपनी रुचि नहीं दिखाता है। इसके चलते सडक़ पर हो चुके गड्ढे एक समस्या ही बने रहते हैं।
जिले में सूचीबद्ध हैं 260 सडक़ें
ऐप में लोकनिर्माण विभाग के दायरे में आने वाली प्रदेश की 7528 सडक़ें रजिस्टर्ड हैं, जिनकी कुल लंबाई 52195 किलोमीटर है। ऐप में छिंदवाड़ा जिले की पीडब्ल्यूडी विभाग की 255 सडक़ें एवं रोड डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन के अंतर्गत पांच सडक़ें शामिल हैं। जिले में आरडीसी के अंतर्गत 18 से 107 किमी लंबाई तक की सडक़ें शामिल हैं। जिले की 260 सडक़ों में राष्ट्रीय राजमार्ग, राज्य मार्ग एवं मुख्य जिला मार्ग शामिल हैं। इसके अलावा सूची में रोड डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन के अंतर्गत 18 किमी से लेकर 107 किमी तक की सडक़ शामिल हैं। शामिल सभी सडक़ों की जानकारी ऐप में देखी जा सकती है।
शहर मुख्यालय के आसपास की भी कई सडक़ें हैं शामिल
छिंदवाड़ा शहर के आसपास की दर्जनों सडक़ शामिल हैं। इसके खस्ताहाल या जर्जर होने की शिकायत सीधे लोकपथ ऐप के माध्यम से की जा सकती है। इन सडक़ों में एयरस्टिप एप्रोच रोड, बोरिया सारसवाड़ा रोड, छिंदवाड़ा रिंगरोड सोनाखार अंडरपास, सिवनी रोड, छिंदवाड़ा खजरी फुटेरा, शिवपुरी, छिंदवाड़ा रिंगरोड से इमलीखेड़ा जंक्शन, इमलिया बोहता, सोनाखार सहेजपुरी रोड, कबाडिय़ां कुसमेली रोड, अजनिया रोड, काराबोह खजरी रोड, लहगडुआ एप्रोच रोड, लिंगा एप्रोच रोड, सारना रोटारी रिंग रोड, सोनाखार खुटिया रोड आदि शामिल हैं।
इनका कहना है
लॉन्चिंग से लेकर अब तक लोकपथ ऐप का व्यापक प्रचार-प्रसार हुआ है। लोगों ने शिकायतें भी दर्ज कराई हैं। बीते छह माह में करीब 60-65 शिकायतें पीडब्ल्यूडी से जुड़ी सडक़ों की हुई हैं। इनका निराकरण निर्धारित समय सीमा में ही कर दिया गया है। – आकाश खरे, कार्यपालन यंत्री, पीडब्ल्यूडी विभाग