आंगनबाड़ी केंद्रों में स्वच्छ पानी की उपलब्धता चित्तौड़गढ़ जिले में भी बड़ा मुद्दा है। जिले के करीब 1075 आंगनबाड़ी केन्द्रों में अब भी नल कनेक्शन नहीं हुए हैं। हालत यह है कि 1214 केन्द्रों पर पर बालिकाओं के लिए अलग से टॉयलेट भी नहीं है। गर्मी के मौसम में तापमान में भारी वृद्धि होती है।
इस दौरान आंगनबाड़ी केंद्रों में बच्चों के लिए पानी की आवश्यकता बढ़ जाती है। बच्चों के स्वास्थ्य और उनकी शिक्षा पर पानी की उपलब्धता का सीधा प्रभाव पड़ता है। जब आंगनबाड़ी केंद्रों में नल से पानी की सुविधा नहीं होती तो बच्चों को पीने के पानी के लिए परेशानियों का सामना करना पड़ता है। गर्मी के मौसम में पानी की समस्या ज्यादा रहती है।
इन जिलों में हालात ठीक नहीं
प्रदेश के कुछ जिलों में जलापूर्ति की स्थिति बहुत खराब है। जिसमें चित्तौड़गढ़, नागौर, अजमेर, उदयपुर, बाड़मेर, जयपुर और जोधपुर की स्थिति चिन्ताजनक है। इन जिलों में 50 प्रतिशत से भी कम आंगनबाड़ी केंद्रों में जलापूर्ति उपलब्ध है।
प्रयास चल रहे हैं
जल जीवन मिशन के तहत आंगनबाड़ी केंद्रों में नल से जल आपूर्ति पहुंचाने का कार्य चल रहा हैै। अधिकांश आंगनबाड़ी केन्द्र नल से नहीं जुड़ पाए हैं। वैसे पानी की व्यवस्था सब जगह कर रखी है।–विजय कुमार, उप निदेशक, महिला एवं बाल विकास विभाग
पड़ता प्रतिकूल प्रभाव
● गर्मी में पानी की कमी के कारण बच्चों में डिहाइड्रेशन का खतरा बढ़ जाता है।● बच्चों को पानी नहीं मिलने से शिक्षा पर भी नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।
● महिलाओं की परेशानी: केंद्रों में पानी की कमी के कारण महिलाओं को भी परेशानी होती है। जो बच्चों के लिए पानी लाने की जिम्मेदारी निभाती हैं।