पुलिस अधीक्षक सुधीर जोशी ने बताया कि निंबाहेड़ा के वाम नगर में कुछ समय पहले हुई चोरी की घटना की जांच के दौरान कोतवाली पुलिस ने तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया था। इनमें मध्य प्रदेश के नीमच निवासी अजय पारदी पुत्र ज्ञान सिंह, राजू उर्फ शिव पारदी पुत्र बिरजू उर्फ गोपाल और भोपाल निवासी गणेश पुत्र लालचंद पारदी शामिल थे। जांच में पता चला कि ये तीनों अंतर्राज्यीय पारदी गैंग के शातिर चोर हैं, जो कई राज्यों में आपराधिक गतिविधियों में शामिल रहे हैं।
25-25 हजार रुपये का इनाम घोषित
पुलिस मुख्यालय के निर्देश पर वांछित अपराधियों की धरपकड़ के लिए चलाए जा रहे अभियान के तहत इन तीनों के खिलाफ इश्तिहार जारी किए गए थे। इस दौरान पुलिस को राजू उर्फ शिव पारदी के बारे में अहम जानकारी मिली। पता चला कि वह उत्तर प्रदेश के काशी जिले के लंका थाने में 2020 में लूट के दौरान हत्या के एक मामले में फरार था। काशी जोन के पुलिस उपायुक्त, वाराणसी ने राजू और उसके दो अन्य साथियों पर 25-25 हजार रुपये का इनाम घोषित किया था।
फोटो के मिलान पर सामने आई पहचान
निंबाहेड़ा पुलिस ने राजू को चोरी के मामले में पहले ही गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। लेकिन उसके द्वारा दिए गए पते और नाम में बार-बार बदलाव और विरोधाभास देखा गया। पुलिस ने संदेह होने पर उसके फोटो का मिलान किया, जिससे उसकी असली पहचान सामने आई। जांच में पुष्टि हुई कि वह काशी का वही इनामी अपराधी है, जो 5 साल से फरार था। इसके बाद निंबाहेड़ा पुलिस ने काशी पुलिस को सूचना दी।
आरोपी काशी पुलिस को सौंपा गया
सूचना मिलते ही लंका थाना पुलिस की एक टीम निंबाहेड़ा पहुंची। कोर्ट से आवश्यक आदेश प्राप्त कर राजू उर्फ शिव पारदी को निंबाहेड़ा जेल से हिरासत में लिया गया और काशी पुलिस को सौंप दिया गया। पुलिस अधीक्षक जोशी ने बताया कि राजू एक शातिर अपराधी है, जो हर बार गिरफ्तारी के समय अपना नाम और पता बदलकर पुलिस को गुमराह करने की कोशिश करता है।