विषाक्त भोजन खाने से ढाणी मुनीम जी निवासी बाबूलाल गुर्जर की मौत हो गई थी। जबकि मनोज सहित 6 लोग गम्भीर बीमार हो गए थे। इस मामले में मनोज की पत्नी चांदरतन ने सदर थाना में हत्या का मामला दर्ज करवाया था। लोक अभियोजक रोशन सिंह राठौड़ ने बताया कि तारानगर के किलीपुरा निवासी सुमन और चित्तौड़गढ़ के नवानिया निवासी ओंकारलाल को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है।
उन्होंने बताया कि शादीशुदा महिला सुमन शहर के पूनियां कॉलोनी निवासी मनोज बेनीवाल के साथ बिसाऊ रोड स्थित नोहरे में लिव इन रिलेशन में रहती थी। मनोज बेनीवाल शादी, पार्टियों में ऊंटगाड़ी, घोडी, डीजे आदि किराए पर देने का काम करता था। मनोज के नोहरे में चितौड़गढ़ निवासी पंडित ओंकारलाल का आना-जाना लगा रहता था। ओंकारलाल से मनोज उधार दिए रुपए मांगता था।
आरोपी महिला सुमन मनोज की प्रॉपर्टी हड़प कर उससे पीछा छुड़ाना चाहती थी। इस दौरान पंडित ओंकारलाल व महिला सुमन की नजदीकियां बढ़ गई थी। दोनों ने मिलकर मनोज को रास्ते से हटाने की साजिश रच डाली। 10 नवम्बर 2022 की रात को पंडित ओंकारलाल ने सुमन को जहरीली गोलियां और पाउडर लाकर दिया। जो उसने रात के खाने में मिला दिया। इस खाने को उसके प्रेमी मनोज, कार्मिक बाबूलाल सहित 6 जनों ने खाया था।
जहरीला खाना खाने से बाबूलाल की मौत हो गई थी और मनोज गंभीर बीमार हो गया था जो काफी दिनों तक जयपुर के अस्पताल में वेंटिलेटर पर रहा। सदर थाना में मामला दर्ज होने के बाद पुलिस ने कोर्ट में चालान पेश किया। गवाहों के बयान और दस्तावेज साक्ष्य आदि के आधार पर डीजे कोर्ट ने सुमन और ओंकारलाल को हत्या का दोषी मानते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई।