अब खिलाड़ी अपनी फैमिली को लंबे समय के लिए विदेशी दौरे पर अपने साथ नहीं ले जा पाएंगे। नए नियम के अनुसार विदेशी दौरे पर अगर कोई खिलाड़ी 45 दिनों तक रहता है तो उनकी पत्नी और 18 साल से छोटी उम्र का बच्चा एक सीरीज में दो हफ्ते के लिए उनके साथ रह सकते हैं। इस दौरान बीसीसीआई सिर्फ उनके रहने का खर्च उठाएगा। बाकी अन्य खार्च खिलाड़ी को खुद उठाना होगा। इसके अलावा खिलाड़ियों को इस बात कि जानकारी कोच और कप्तान को पहले देनी होगी। उनकी अनुमति के बाद ही कोई भी परिजन या अन्य सदस्य खिलाड़ी के पास आ सकता है। वहीं इस दौरान अगर कोई खिलाड़ी नियम तोड़ता है तो कोच, कप्तान और जीएम ऑपरेशन इसके जिम्मेदार होंगे।
अब खिलाड़ियों को मैच और प्रैक्टिस सेशन के लिए सिर्फ टीम के साथ ही यात्रा करनी होगी। बीसीसीआई का मानना है यह टीम में एकजुटता के लिए कारगर साबित होगी। वहीं अगर किसी कारणवश किसी खिलाड़ी की फैमिली साथ में सफर रही है तो उसके लिए कोच गौतम गंभीर और चयनकर्ता अजीत अगरकर से अनुमति लेनी होगी। इस नियम का उल्लंघन होने पर सख्त सजा भी मिलेगी। विराट कोहली को ऑस्ट्रेलिया दौरे पर कई बार परिवार के साथ ट्रेविल करते हुए देखा गया था।
किसी टूर या फिर सीरीज के दौरान टीम का कोई भी सदस्य अपने साथ किसी पर्सनल स्टाफ को नहीं रखेगा। इसमें पर्सनल मैनेजर, शेफ, असिस्टेंट्स और सिक्योरिटी शामिल हैं। हाल ही में कोच गौतम गंभीर के पर्सनल असिस्टेंट को लेकर बवाल मचा था। इससे पहले भी हार्दिक पांड्या जैसे खिलाड़ी अपने साथ पर्सनल शेफ ले जाने को लेकर चर्चा में रहे थे।
बोर्ड ने जो नई बैजेग पॉलिसि बनाई है उसके अनुसार, कोई खिलाड़ी अगर बोर्ड द्वारा बनाए गए नियमों के तहत सामान लेकर जाता है तो उसके लिए उसे कोई खर्च नहीं देना पड़ेगा, लेकिन अगर ऐसा नहीं होता है तो खिलाड़ियों को अपने अतिरिक्त भार के लिए खुद भुगतान करना पड़ेगा।
खिलाड़ी – 5 पीस (3 सूटकेस + 2 किट बैग) या 150 किलोग्राम
सपोर्ट स्टाफ – 2 पीस (2 बड़े + 1 छोटे सूटकेस) या 80 किलोग्राम
खिलाड़ी – 4 पीस (2 सूटकेस + 2 किट बैग) या 120 किलोग्राम
सपोर्ट स्टाफ – 2 पीस (2 सूटकेस) या 60 किलोग्राम घरेलू सीरीज
खिलाड़ी – 4 पीस (2 सूटकेस + 2 किट बैग) या 120 किलोग्राम
सपोर्ट स्टाफ – 2 पीस (2 सूटकेस) या 60 किलोग्राम
भारतीय टीम के स्टार खिलाड़ी घरेलू क्रिकेट खेलने से बचते रहे हैं। इसमें विराट कोहली, हार्दिक पांड्या, ऋषभ पंत और रोहित शर्मा जैसे नाम प्रमुख हैं। इस तरह के खिलाड़ी सिर्फ टीम इंडिया और इंडियन प्रीमियर लीग के लिए उपलब्ध रहते हैं। कोहली और शर्मा का अंतरराष्ट्रीय फॉर्म भी चिंता का विषय है। ऐसे में बीसीसीआई चाहती है कि सभी सीनियर खिलाड़ी घरेलू क्रिकेट शामिल हो। यह अनिवार्य कर दिया गया है और इसी के आधार पर भारतीय टीम में प्लेयर का सेलेक्शन भी होगा।
खिलाड़ियों के लिए बेंगलुरु के सेंटर ऑफ एक्सीलेंस में भेजे गए उपकरणों और निजी सामान पर टीम मैनेजमेंट के साथ तालमेल बिठाने के लिए कहा गया है। यदि अलग-अलग तरीके से कोई वस्तु भेजी जाती है, तब आने वाली एक्स्ट्रा लागत खिलाड़ी को वहन करनी होगी। कुछ सीनियर एनसीए में आने से पहले ही अपने उपकरण या किट को भेज देते हैं। ऐसे में उसके रख रखाव की जिम्मेदारी सेंटर ऑफ एक्सीलेंस की बढ़ जाती है, जिसके लिए प्लेयर किसी तरह का भुगतान नहीं करते हैं, लेकिन अब वे ऐसा नहीं कर पाएंगे।
अब खिलाड़ियों को प्रैक्टिस सेशन में छूट नहीं मिलेगी। कई बार स्टार खिलाड़ी निजी कारणों का हवाला देते हुए लंबे प्रैक्टिस सेशन में शामिल नहीं होते हैं। इसके अलावा अब कोई भी खिलाड़ी प्रैक्टिस सेशन को जल्दी छोड़कर नहीं जा सकेगा। वर्कलोड मैनेजमेंट को देखते हुए यह तय किया जाएगा कि किसे छूट मिलेगी और किसे नहीं।
बीसीसीआई ने किसी सीरीज या टूर के दौरान खिलाड़ियों को व्यक्तिगत फोटोशूट या एड शूट में शामिल होने पर बैन लगाया है। इस दौरान कोई भी खिलाड़ी विज्ञापन नहीं कर पाएगा। बोर्ड ने ये फैसला इसलिए लिया है जिससे खिलाड़ियों का ध्यान न भटके।
बीसीसीआई के ऑफिशियल शूट, प्रमोशन और अन्य किसी भी तरह प्रोग्राम में खिलाड़ियों को हर हाल में हिस्सा लेना होगा। इसका पालन नहीं करने पर बीसीसीआई द्वारा उचित समझी जाने वाली अनुशासनात्मक कार्रवाई हो सकती है।
हर खिलाड़ी को दौरे के खत्म होने तक टीम के साथ रहना होगा। सीरीज जल्दी खत्म होने पर भी खिलाड़ी को टीम के साथ ही रहेगा। इस दौरान कोई भी खिलाड़ी जल्दी घर नहीं जा पाएगा। कई बार ऐसा होता है कि सीरीज जल्दी खत्म हो जाती है, तो खिलाड़ी अपने-अपने घर या छुट्टियों पर चले जाते हैं। ये फैसला टीम बॉन्डिंग के हित में लिया गया है।
बीसीसीआई किसी खिलाड़ी के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई करने का अपने पास अधिकार सुरक्षित रखा है, जिसमें संबंधित खिलाड़ी को आईपीएल सहित बीसीसीआई द्वारा आयोजित सभी टूर्नामेंटों में भाग लेने से रोक लगाया जा सकता है। इसके अलावा कार्रवाई के तरत सेंट्रल कॉन्ट्रैक्ट और आईपीएल रिटेनर की रकम या मैच फीस से कटौती भी की जा सकती है।