शुभमन गिल ने इंग्लैंड, बांग्लादेश, वेस्टइंडीज, दक्षिण अफ्रीका और ऑस्ट्रेलिया में खेले गए 9 टेस्ट मैचों में केवल 23.8 की औसत से रन बनाए हैं। वहीं, इसी अवधि में उन्होंने भारत में 17 टेस्ट मैचों में 42.03 की औसत से 1177 रन बनाए हैं, जिसमें 4 शतक शामिल हैं। पोंटिंग ने आईसीसी रिव्यू में कहा, “मुझे गिल को खेलते हुए देखना बहुत पसंद है। जब वह अच्छे फॉर्म में होते हैं, तो वह दुनिया के किसी भी बेहतरीन बल्लेबाज की तरह लगते हैं। लेकिन विदेशी मैदानों पर उनके आंकड़े उतने प्रभावशाली नहीं हैं।”
2021 में गाबा टेस्ट में गिल ने 91 रनों की शानदार पारी खेली थी, जिससे भारत ने ऐतिहासिक श्रृंखला जीत दर्ज की थी। लेकिन उसके बाद से उन्होंने विदेश में सिर्फ एक टेस्ट शतक लगाया है, जो 2022 में बांग्लादेश के खिलाफ आया था। पर्थ में चोट के कारण पहले मैच से बाहर होने के बाद गिल ने एडिलेड में 31 और 28 रन बनाए, लेकिन ब्रिस्बेन में केवल 1 रन पर आउट हो गए। पोंटिंग का कहना है कि गिल शायद अपनी बल्लेबाजी को जरूरत से ज्यादा जटिल बना रहे हैं। उन्होंने कहा, “मैंने उन्हें एडिलेड में खेलते देखा, और ऐसा लगा कि उन्होंने अपनी तकनीक में जरूरत से ज्यादा बदलाव कर लिए। स्कॉट बोलैंड की गेंदबाजी के दौरान उन्होंने अपनी क्रीज पर स्थिति बदली, ऑफ स्टंप के पास जाकर फ्रंट पैड दिखाया, और बोलैंड ने उन्हें सीधी फुल लेंथ की गेंद पर आउट कर दिया।”
‘गिल को ज्यादा कुछ बदलने की जरूरत नहीं’
हालांकि, पोंटिंग का मानना है कि गिल को बड़े बदलाव करने की जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा, “गिल को अपनी बल्लेबाजी पर भरोसा करने की जरूरत है। खासकर अपनी डिफेंसिव तकनीक पर। ऑस्ट्रेलिया में उन्हें अपनी शैली में थोड़ा और आत्मविश्वास लाना होगा और रन बनाने का तरीका ढूंढना होगा।” उन्होंने कहा, “जब वह घरेलू मैदान पर या जहां भी रन बनाते हैं, तो वह आत्मविश्वास के साथ आक्रामक अंदाज में खेलते हैं। वह सिर्फ रन बनाने के बारे में सोचते हैं, आउट होने की चिंता नहीं करते। अगर वह मेलबर्न में इसी मानसिकता और आत्मविश्वास के साथ खेलते हैं, तो उनके प्रदर्शन में सुधार हो सकता है।” बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी का चौथा टेस्ट मैच मेलबर्न में बॉक्सिंग डे से शुरू होगा। भारत इस मैच को जीतकर वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल में जगह बनाने की उम्मीदों को जिंदा रखना चाहेगा। पांच मैचों की टेस्ट सीरीज फिलहाल 1-1 से बराबरी पर है।