राहुल मौजूदा विश्व टेस्ट चैंपियनशिप सीरीज में भारत के सबसे बेहतरीन प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ियों में से एक रहे हैं, उन्होंने तीन मैचों में 62.5 की औसत से 375 रन बनाए हैं, जिसमें दो शतक और एक अर्द्धशतक शामिल है। वह वर्तमान में सीरीज में चौथा सबसे बड़ा कुल स्कोर रखते हैं और अब इंग्लैंड में भारत के लिए संयुक्त रूप से दूसरे सबसे ज्यादा टेस्ट शतक (चार) लगाने वाले बल्लेबाज बन गए हैं, जो केवल राहुल द्रविड़ (छह) से पीछे हैं।
शास्त्री के अनुसार, केएल राहुल की सफलता तकनीकी और मानसिक, दोनों तरह के सुधार का नतीजा है। शास्त्री ने कहा, “मुझे लगता है कि दुनिया में एक भी ऐसा व्यक्ति नहीं था जिसने उनकी क्षमता को नकारा हो और कहा हो कि वह (राहुल) प्रतिभाशाली नहीं हैं।” उन्होंने कहा कि लोगों को इस बात से चिढ़ थी कि इतनी प्रतिभा के बावजूद, वह अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पा रहा था। और इस सीरीज में आप राहुल का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन देख रहे हैं। शास्त्री ने एक खास तकनीकी बदलाव पर भी प्रकाश डाला जिसने काफी फर्क डाला है।
उन्होंने कहा, “मैं देख रहा हूं कि उसने अपने अगले पैर, अपनी मूवमेंट और डिफेंडिंग करते समय थोड़ा सा बदलाव किया है। उनकी तकनीक में अच्छे बदलाव आए हैं जिससे उनके लिए मिड-विकेट की ओर शॉट मारना पहले से भी आसान हुआ है।” उन्होंने आगे बताया कि कैसे इस बदलाव से राहुल की बल्लेबाजी में काफी निखार आया है। पहले जिस तरह वह आउट हो रहे थे, उसमें सुधार देखने को मिला है।
33 साल की उम्र में, राहुल के अब 35.3 की औसत से 3,632 टेस्ट रन हैं, जिसमें 10 शतक और 18 अर्धशतक शामिल हैं। पांच मैचों की सीरीज में भारत 1-2 से पीछे चल रहा है, ऐसे में सभी की निगाहें 23 जुलाई को मैनचेस्टर के ओल्ड ट्रैफर्ड में शुरू होने वाले चौथे टेस्ट मैच पर टिकी हैं।