क्यों बदला गया ट्रॉफी का नाम?
पहले यह सीरीज़ “पटौदी ट्रॉफी” के नाम से जानी जाती थी, जिसकी शुरुआत 2007 में इंग्लैंड और भारत के बीच टेस्ट क्रिकेट के 75 साल पूरे होने पर हुई थी। इस ट्रॉफी का नामकरण पटौदी परिवार के सम्मान में किया गया था, जिन्होंने भारतीय क्रिकेट को दो महान कप्तान इफ्तिखार अली खान पटौदी और मंसूर अली खान पटौदी दिए। हालांकि, मार्च 2025 में इंग्लैंड एंड वेल्स क्रिकेट बोर्ड (ECB) ने पटौदी परिवार को पत्र लिखकर यह सूचित किया कि वे इस ट्रॉफी को रिटायर करना चाहते हैं।
सुनील गावस्कर की तीखी प्रतिक्रिया
पूर्व दिग्गज बल्लेबाज़ सुनील गावस्कर ने इस फैसले पर कड़ी नाराज़गी जताई है। उन्होंने अपने कॉलम में लिखा, “हाल में खबर आई है कि ईसीबी इंग्लैंड और भारत के बीच इंग्लैंड में खेले जाने वाले टेस्ट सीरीज़ के विजेताओं को दी जाने वाली पटौदी ट्रॉफी को हटाने जा रहा है, यह वाकई परेशान करने वाली खबर है। यह पहली बार है जब व्यक्तिगत खिलाड़ियों के नाम पर रखी गई ट्रॉफी को हटाया जा रहा है, हालांकि यह पूरी तरह ईसीबी का निर्णय है और बीसीसीआई को शायद इसकी जानकारी दी गई होगी। यह पटौदी परिवार के इंग्लैंड और भारत में क्रिकेट में योगदान के प्रति असंवेदनशीलता को दर्शाता है।” अब तेंदुलकर-एंडरसन ट्रॉफी कहा जाएगा
अब इस ट्रॉफी का नाम बदलकर भारत और इंग्लैंड के दो महान खिलाड़ी मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर और जेम्स एंडरसन के नाम पर रखा जा रहा है। ऑस्ट्रेलिया के साथ खेली जाने वाली बार्डर गावस्कर ट्रॉफी की तरह अब इसे “तेंदुलकर-एंडरसन ट्रॉफी” कहा जाएगा।
दोनों दिग्गजों का रिकॉर्ड
सचिन तेंदुलकर 15,921 रन के साथ टेस्ट इतिहास में सबसे अधिक रन बनाने वाले खिलाड़ी हैं। 52 वर्षीय पूर्व खिलाड़ी ने 1989 से 2013 के बीच 200 टेस्ट खेले हैं। वहीं, एंडरसन 704 विकेट के साथ इंग्लैंड के सर्वकालिक सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाज के साथ टेस्ट क्रिकेट में सबसे सफल तेज गेंदबाज हैं। दोनों दिग्गजों ने 14 टेस्ट मैचों में एक-दूसरे का सामना किया जिसमें एंडरसन ने तेंदुलकर को नौ बार आउट किया है। यह किसी गेंदबाज द्वारा इस भारतीय को सबसे ज्यादा बार आउट करने का रिकॉर्ड है।