प्रियांश की 42 गेंदों पर सात चौकों और नौ छक्कों से सजी 103 रन की तूफानी शतकीय पारी से पंजाब किंग्स ने चेन्नई सुपरकिंग्स के खिलाफ छह विकेट पर 219 रन का मजबूत स्कोर बना लिया। प्रियांश एक छोर पर खड़े रहकर चेन्नई के गेंदबाजों की धज्जियां उड़ाते रहे जबकि दूसरे छोर पर विकेट गिरते रहे। पंजाब ने आठवें ओवर तक अपने पांच विकेट मात्र 83 रन पर गंवा दिए लेकिन शशांक सिंह (नाबाद 52) और मार्को यानसन (नाबाद 34) ने सातवें विकेट के लिए नाबाद 65 रन जोड़कर पंजाब को 200 रन के पार पहुंचा दिया। शशांक ने 36 गेंदों की अपनी पारी में दो चौके और तीन छक्के लगाए जबकि यानसन ने 19 गेंदों की पारी में दो चौके और दो छक्के लगाए।
सीएसके ने की बेहद खराब फील्डिंग
पंजाब के टॉप छह बल्लेबाजों में से पांच बल्लेबाज दहाई अंक तक भी नहीं पहुंच पाए थे। 83 के स्कोर पर पांच विकेट गंवा चुका था। इसके बावजूद सीएसके के सामने 220 रनों का लक्ष्य है। इसके पीछे खराब फील्डिंग और खराब कैचिंग अहम जिम्मेदार हैं। खलील ने पहले ही ओवर में प्रियांश का कैच छोड़ा। इसके बाद भी उन्हें जीवनदान मिला। इसका फायदा उठाते हुए प्रियांश ने शतक लगाया। इसके बाद शशांक का आसान कैच छोड़ा गया और उन्होंने अर्धशतक बनाया। इस दौरान उन्होंने 4 अहम कैच छोड़े, जो बाद में जाकर टीम पर भारी पड़े।
चेन्नई को मिली धमाकेदार शुरुआत
220 रन के लक्ष्य का पीछा करने उतरी चेन्नई सुपर किंग्स की शुरुआत अच्छी रही और दोनों सलामी बल्लेबाजों ने पहले 6 ओवर में 59 रन जोड़ डाले। रचिन रविंद्र और डेवोन कॉनवे की साझेदारी को ग्लेन मैक्सवेल ने तोड़ा, जब 7वें ओवर में उन्होंने रचिन को स्टंप कराया। इसके बाद कप्तान ऋतुराज गायकवाड़ सिर्फ 1 रन बनाकर आउट हो गए। कॉनवे और शिवम दुबे ने टीम की वापसी कराई लेकिन कॉनवे इतना स्लो खेले कि उन्हें रिटायर्ड आउट होना पड़ा। धोनी 12 गेंदों में 3 छक्कों की मदद से 27 रन बनाकर आउट हो गए। आखिरी ओवर में चेन्नई को जीत के लिए 28 रन की जरूरत थी और वे सिर्फ 9 रन बना सके। इस तरह पंजाब किंग्स ने 18 रन से मुकाबला अपने नाम कर लिया।