दरअसल, बीते कुछ महीनों में शहर के अलग-अलग वार्डों में सीसी रोड के निर्माण किए गए थे। जिसमें शिकायतें आई थीं कि तय मानक के अनुसार निर्माण कार्य नहीं कराए गए हैं। जिसकी जांच के लिए लिखा गया था। सोमवार को नगरीय प्रशासन सागर से मोबाइल टेङ्क्षस्टग लैब दमोह पहुंची थी। जहां एई सुरेंद्र अहिरवार, पार्षदों व ठेकेदारों की मौजूदगी में दो वार्डों में रोड की जांच कराई गई। ऐसी कार्रवाई लंबे समय बाद देखने मिली हे। इससे पहले तक बिना जांच के ही बिल पास हो जाते थे। जबकि ऐसी शिकायतें तो लगातार सामने आती हैं, लेकिन इसे अक्सर टाल दिया जाता है, क्योंकि हर टेबल पर कमीशन सेट होता है।
सीएमओ प्रदीप शर्मा ने बताया कि शिकायतों के बाद यह जांच कराई गई है। कुछ और वार्डों में भी इसी तरह की जांच होना है। जांच रिपोर्ट के आधार पर ही भुगतान या वसूली की कार्रवाई की जाएगी। थिकनेस कम मिलना ही गड़बड़ी का संकेत है। स्ट्रैंथ और मटेरियल की जांच रिपोर्ट का इंतजार किया जाएगा। किसी भी तरह के भुगतान जांच के बाद ही होंगे।
दो वार्डों में मिली गड़बड़ी एई सुरेंद्र अहिरवार ने बताया कि पहले सिविल वार्ड नं. 6 में मोबाइल लैब के साथ पहुंचे थे। जहां नागरिक आपूर्ति निगम कार्यालय के पास बने सीसी मार्ग की जांच की गई। यहां पूरे सड़क मार्ग पर 3 जगह से टुकड़े मशीन के माध्यम से निकाले गए। दो जगहों पर थिकनेस औसत 100 आई है, जबकि एक जगह पर 120 के करीब थिकनेस मिली है। जबकि 150 थिकनेस होना चाहिए। स्ट्रैंथ, मटेरियल सहित अन्य जांच के लिए सैंपल एकत्रित किए गए हैं। साथ ही पंचनामा तैयार किया गया। इस दौरान ठेकेदार, पार्षद प्रतिनिधि विक्रम ङ्क्षसह भी मौजूद रहे। इसके बाद नया बाजार 3 में बनी सड़क की जांच की गई। यहां भी दो जगह से सीसी के टुकड़े जांच के लिए निकाले गए। जो भी 100 एमएम से कम ही मिले। यहां भी 150 एमएम तक थिकनेस मिलना चाहिए थी। इस तरह दोनों जगहों के सैंपल एकत्रित किए जांच के लिए सागर भेजे गए हैं।