दमोह. दमोह में सामने आए आधार आइडी फर्जीवाड़ा में दो आइडी ऑपरेटर पर प्रकरण दर्ज होने के बाद जांच रही है। इस बीच प्रदेश के आधा दर्जन जिलों में आरक्षक भर्ती २०२३ में फर्जीवाड़ा सामने आया है। जिसमें भी आधार से छेड़छाड़, बार-बार बायोमैट्रिक अपडेट करने जैसे गंभीर साक्ष्य सामने आए है। खास बात यह है भिंड, मुरैना, श्योपुर वही जिले हैं, जिनमें दमोह की एक ऑपरेटर आइडी फर्जी तरीके से संचालित होती पाई गई थी। जिससे स्पष्ट है कि यदि मामले में कनेक्शन जोड़े जाएं और सूक्ष्मता से जांच बढ़ाई जाए तो आधार से जुड़ा बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आ सकता है।
दरअसल, आरक्षक भर्ती २०२३ में फर्जीवाड़ा सामने आने के बाद भिंड, मुरैना, श्योपुर, अलीराजपुर सहित अन्य जगहों पर धड़ाधड़ कार्रवाई चल रही है। मुरैना पुलिस को पकड़े गए आरोपियों ने बताया कि आधार को अपडेट कराने के लिए बिहार के दलाल ने उनसे ७ लाख रुपए तक लिए और आधार में बायोमेट्रिक अपटेड उसने ही कराकर दिया। मामले में तीनों जिलों की पुलिस ने जब आधार आइडी ऑपरेटर और आइडी देने वालों की धरपकड़ शुरू की तो सैकड़ों ऐसे आधार परीक्षा के पहले अपडेट होने की बात सामने आई है। पुलिस ने आधार अपडेट करने वाले मुरैना के सबलगढ़ के पुष्पेंद्र पुत्र सियाराम जाटव, सतेंद्र पुत्र मनसुखराम को पकड़ा है। जबकि बड़ागांव ग्वालियर के जसरथ पुत्र आमेप्रकाश धाकड़, छत्तीसगढ़ के छिपली जिला के पीतमपुर निवासी अभिजीत बंजारा को भी पकड़ा है। इसके अलावा छतरपुर के गौरीहार थाना के पलटा निवासी अमन पुत्र अरविंद तिवारी को आधार आइडी देने के मामले में गिरफ्तार किया है।
…तो खुल सकती है और भी परतें
दमोह कलेक्टर और पुलिस ने अब तक दमोह की दोनों ऑपरेटर आइडी की जांच को जिला स्तर पर ही सीमित रखा है। जबकि दमोह की एक आइडी से पश्चिम बंगाल, बिहार, झारखंड, दिल्ली, राजस्थान और हरियाणा जैसे राज्यों में आधार बनना तथा दूसरी आईडी से मप्र के डेढ़ दर्जन जिलों में काम होना स्वीकारा है। यह डेटा यूआईडीएआई ने कलेक्टर दमोह को शेयर किया है। ऐसे में स्पष्ट है कि इन आइडी से बने आधार कार्ड, पंजीयन, बायोमेट्रिक अपडेट्स सहित समस्त कार्य को यदि जांच में शामिल किया जाए तो एक बड़ा खुलासा होना संभव है। सूत्र बताते है कि अन्य प्रदेशों के सॉल्वर, दलाल इसी तरह आधार फर्जीवाड़ा के दम पर अन्य नियुक्तियों को भी प्रभावित करना संभव है। जिससे सभी परतें खुलने की उम्मीद है।
Hindi News / Damoh / जिन जिलों में एक्टिव मिली थी दमोह की आधार आइडी, वहां आरक्षक भर्ती में ज्यादा फर्जीवाड़ा