CG News: पावर टिलर बना किसानों का साथी… कम समय में दे रहा ज्यादा मुनाफा
CG News: दंतेवाड़ा में तकनीक और नवाचार से जैविक खेती को मिली नई रफ्तार। पावर टिलर और महिला समूहों की भागीदारी से किसान कम समय में ज्यादा मुनाफा कमा रहे हैं।
CG News: बस्तर का दंतेवाड़ा जिला अब पारंपरिक खेती से आगे बढ़कर आधुनिक तकनीक से लैस हो रहा है। यहां किसानों को अब खेत जोतने के लिए न बैलों की जरूरत है, न ही दिन भर की मेहनत की। खेती में बदलाव की इस कहानी का केंद्र बना है- पावर टिलर।
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CG News: जिला प्रशासन और कृषि विभाग की पहल पर हाल ही में 75 पावर टिलर वितरित किए गए हैं। ये टिलर महिला स्व-सहायता समूहों और प्रगतिशील किसानों को दिए गए हैं, ताकि खेती को न केवल आसान बल्कि मुनाफे का सौदा बनाया जा सके। अब किसान खेत की जुताई, मिट्टी पलटना, खाद मिलाना, कतार बनाना, यहां तक कि ट्रॉली से माल ढुलाई भी एक ही मशीन से कर रहे हैं।
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CG News: खेतों में जहां पहले दो-तीन दिन तक हल चलता था, वहां अब चंद घंटों में पूरा काम निपट रहा है। महिला समूहों को मिले टिलर अब किराए पर भी दिए जा रहे हैं, जिससे बाकी किसान भी इसका लाभ उठा सकें। इससे एक ओर जहां मशीनों का पूरा उपयोग हो रहा है, वहीं दूसरी ओर समूहों की आमदनी भी बढ़ रही है।
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CG News: किसानों की जुबानी बदली तस्वीर— हीरानार के किसान लूदरु राम और कासौली के सुरेश नाग कहते हैं कि पावर टिलर ने उनकी खेती की दिशा ही बदल दी है। काम में तेजी आई है, मेहनत घटी है और पैदावार में भी इज़ाफा हुआ है। वे कहते हैं— 'पहले जो काम तीन दिन में होता था, अब वो तीन घंटे में हो जाता है।'
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CG News: जैविक खेती को मिली नई ताकत— जैविक खाद और कीटनाशकों के प्रयोग में पावर टिलर बेहद मददगार साबित हो रहा है। मिट्टी को गहराई से जोतना और खाद को अच्छी तरह मिलाना अब आसान हो गया है।
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CG News: दंतेवाड़ा बनेगा मॉडल जिला— कृषि विशेषज्ञ मानते हैं कि यह पहल दंतेवाड़ा को जैविक खेती का मॉडल जिला बना सकती है। परंपरा और तकनीक के इस संगम से एक नई कृषि क्रांति जन्म ले रही है, जिसमें किसान आत्मनिर्भर बन रहे हैं।