वक्ताओं ने कहा कि डिडवाना किसी भी अन्य गांव या तहसील पर आश्रित नहीं है। डिडवाना के लोग इस गांव की पहचान और अस्तित्व को बनाए रखना चाहते हैं, और वे इसे नगर परिषद में जोडऩे के खिलाफ हैं। इस गांव को किसी भी हालत में नगर परिषद में नहीं जोडऩे दिया जाएगा। इसके लिए चाहे कितना भी बड़ा आंदोलन करना पड़े, वे सडक़ों पर उतरने को तैयार हैं। उन्होंने यह भी कहा कि कुछ भूमाफिया डिडवाना की गरीब जनता की जमीन पर नजर बनाए हुए हैं, और वे इसे नगर परिषद में जोडकऱ हड़पने की योजना बना रहे हैं, लेकिन वे इस मंसूबे को सफल नहीं होने देंगे।
निकाली रैली, कलक्टर को दिया ज्ञापन
सभा के बाद ग्रामीणों ने डीजे के साथ पूरे डिडवाना कस्बे में रैली भी निकाली। रैली के दौरान ग्रामीणों ने हाथों में ततियां लेकर प्रस्ताव का विरोध किया एवं जमकर नारेबाजी की। रैली रामशाला बालाजी मंदिर से रवाना हो कर झंरडा चौक एवं तूंगा रोड़ होते हुए बाइस मील पर पहुंची, जहां से सभी ग्रामीण वाहनों में सवार हो कर जिला मुयालय पर पहुंचे। जहां जिला कलक्टर देवेन्द्र कुमार को ज्ञापन भी दिया। हो सकेंगे चहुंमुखी विकास कार्य
वही दूसरी ओर डिडवाना ग्राम पंचायत को लालसोट नगर परिषद में जोडऩे के प्रस्ताव के समर्थन कर रहे ग्रामीण भी अब खुलकर सामने आने लगे है। कुछ दिन पूर्व विधायक को ज्ञापन देने बाद गुरुवार को इस प्रस्ताव के समर्थन में एक बार फिर ग्रामीणों ने विरोध करने वालों पर जमकर निशाना साधा। भाजपा नेता शंभूलाल कुई वाला, रामकरण चौपडय़ा, बाबूलाल महावर, हनुमान सामोत्या, बृजमोहन पाटीवाला, घासीलाल जालवाला, जगदीश पाटीवाला, कैलाश बागवाला समेत कई जनों ने बताया कि झूठ बोलकर लोगों को बरगलाया जा रहा है। डिडवाना को नगर परिषद में जोड़ने के अनेक लाभ हैं। उन्होंने बताया कि क्षेत्र का चहुंमुखी विकास होगा। नगर परिषद में शामिल होने से भूमि के पट्टे मिल सकेंगे।