एसीबी के पुलिस उप अधीक्षक नवल किशोर मीणा ने बताया कि महुवा डीएसपी एवं रीडर के नाम पर रिश्वत लेते गिरफ्तार किए आरोपी विष्णु को जयपुर एसीबी न्यायालय के न्यायाधीश के समक्ष पेश किया गया। जहां से आरोपी को 23 मई तक जेसी भेज दिया गया।
डीएसपी एवं रीडर की भूमिका संदिग्ध
उन्होंने बताया कि मामले में पुलिस उप अधीक्षक रमेश चंद तिवारी एवं रीडर रामदेव की भूमिका संदिग्ध मानी गई है और दोनों का अभी तक पता नहीं चला है। ऐसे में नोटिस देने की प्रक्रिया भी पूरी नहीं हो पाई है। डीएसपी एवं रीडर ने अवकाश भी नहीं लिया है। एसीबी डीएसपी ने बताया कि महुवा पुलिस उप अधीक्षक का सेवा रिकॉर्ड भी लिया गया है। शनिवार को कार्रवाई के दौरान डीएसपी एवं रीडर की तलाशी में टीम महुवा पहुंची थी, लेकिन दोनों नहीं मिले।
ये है पूरा मामला
गौरतलब है कि महुवा थाना इलाका निवासी एक नाबालिग़ के पिता ने 3 अप्रेल को दो आरोपियों के खिलाफ उसकी पुत्री के साथ गैंगरेप करने का मामला दर्ज कराया था। इस मामले में आरोपियों की मदद करने के नाम पर विष्णु कुमार मीणा ने डेढ़ लाख रुपए पूर्व में ले लिए थे और शनिवार को 50 हजार की रिश्वत लेते हुए एसीबी ने उसे गिरफ्तार कर लिया। आरोपियों पर इनाम घोषित
वहीं इस मामले में एक और खुलासा हुआ है कि पुलिस अधीक्षक दौसा ने एसीबी की कार्रवाई से एक दिन पूर्व ही गैंगरेप के दोनों आरोपियों की गिरफ्तारी को लेकर पांच-पांच हजार का इनाम घोषित किया था। पुलिस अधीक्षक ने दोनों आरोपियों को फरार घोषित किया था। वहीं रविवार को भी पुलिस उपाधीक्षक कार्यालय के ताला लटका रहा।