पुलिस ने बताया कि हरियाणा के रोहतक जिला स्थित खेडी शाध निवासी दीपांशु जाट (21) पुत्र राजेन्द्र अपनी मां प्रमिला (43) व बहन साक्षी (16) तथा पड़ोसी रिश्तेदार राजबाला (60) के साथ मेहंदीपुर बालाजी दर्शन के लिए जा रहे थे। दौसा कलक्ट्रेट चौराहा बस स्टॉप के सामने आगे चल रहे कैंटर के अचानक ब्रेक लगाने से कार टकराकर चकनाचूर हो गई। कार में फंसे शवों को मशक्कत के बाद निकालकर मोर्चरी पहुंचाया गया। शनिवार को पोस्टमार्टम कराकर शव परिजनों के सुपुर्द कर दिए गए।
रास्ता चूक गए थे
हरियाणा से तीन कारों में परिवार के लोग मेहंदीपुर बालाजी जाने के लिए निकले थे। दो कार दिल्ली-मुम्बई एक्सप्रेस-वे होते हुए मेहंदीपुर बालाजी गई। दीपांशु एक्सप्रेस वे का रास्ता चूक गया और जयपुर होते हुए मेहंदीपुर बालाजी के लिए जा रहा था। पूरा परिवार उजड़ा
मृतक दीपांशु के पिता की तीन माह पूर्व मृत्यु हो गई थी। अब मां व बेटा-बेटी की मृत्यु होने से पूरा परिवार ही उजड़ गया। हादसे के बाद दौसा अस्पताल पहुंचे रिश्तेदारों का रो-रोकर बुरा हाल हो गया। दीपांशु प्राइवेट कंपनी में नौकरी करता था और उसके पिता राजेंद्र ड्राइवर थे।
लापरवाही: हाइवे पर खड़ा रहता है परिवहन विभाग का दल
मृतक के परिजनों ने बताया कि उन्हें मौके पर कुछ लोगों ने बताया कि परिवहन विभाग के दल ने हाईवे पर कैंटर को अचानक रुकवाया था। इस जगह टीम खड़ी भी रहती है। ऐसे में परिवहन विभाग की लापरवाही सामने आ रही है। इस मामले में प्रादेशिक परिवहन अधिकारी जगदीश अमरावत का कहना है कि अगर गार्ड ने वाहन रुकवाने में लापरवाही बरती है तो जांच कराकर कार्रवाई की जाएगी। फिलहाल हादसे में कार चालक की ओवरस्पीड की बात सामने आ रही है। वहीं कोतवाली थाना प्रभारी सुधीर उपाध्याय ने बताया कि घटना की सूचना के बाद जब पुलिस मौके पर पहुंची तो वहां परिवहन विभाग का दल नहीं था। घटना के संबंध में परिजनों की रिपोर्ट पर जांच की जा रही है।