दौसा जिले में भी नेशनल हाइवे 21 पर ऐसे कई खतरनाक यू-टर्न और कट हैं, जो हादसे की वजह बन सकते हैं। दौसा जिला प्रशासन व पुलिस तथा नेशनल हाइवे प्राधिकरण को इनसे सबक लेना चाहिए।
ये है जिले का सबसे व्यस्त चौराहा
जिले के सबसे व्यस्ततम सिकंदरा चौराहे पर नेशनल हाइवे 21 और अलवर-गंगापुर स्टेट हाइवे पर जाने के लिए टैंकर, ट्रेलर सहित अन्य भारी वाहन जब टर्न लेते हैं तो दुर्घटना का अंदेशा बना रहता है। चौराहे पर दुर्घटनाओं को रोकने के लिए ना तो राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण और ना ही स्थानीय प्रशासन कोई कारगर प्रयास कर सका है। यहां नेशनल हाइवे का चौराहा सब्जी मंडी की तरह लगता है, जिसमें कोई भी कहीं आ-जा रहा है। इस चौराहे पर दुर्घटना में कई लोगों की मौत के बावजूद सरकार ना तो सर्किल बना रही है और ही ट्रैफिक लाइट सिस्टम चालू है।
यहां भी लोग लेते है यूटर्न
राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या-21 स्थित मानपुर चौराहे पर बड़ी संख्या में वाहनों का चारों तरफ से आवागमन रहता है। टैंकरों से लेकर ट्रक सहित छोटे वाहन यहां से सिकराय-मानपुर की तरफ घूमते हैं तो यूटर्न भी लेते हैं। ऐसे में सदैव हादसे की आशंका बनी रहती है।
कस्बों की ओर से आने वाले मार्गों से वाहन सीधे हाइवे पर चढ़ते हैं। ऐसे में सामने से तेज गति से आने वाले वाहनों से टकराने का खतरा रहता है। इसके अलावा हाइवे पर डिवाइडर में कई जगह अवैध कट भी बने हुए हैं, जिनको भी बंद नहीं किया जा रहा है।
बालाजी मोड़ पर भी हादसे की आंशका
आस्थाधाम मेहंदीपुर बालाजी में प्रतिदिन हजारों श्रद्धालु आते हैं। ऐसे में नेशनल हाइवे 21 स्थित बालाजी मोड़ पर दिनभर में सैकड़ों वाहन टर्न लेते हैं, लेकिन नियमानुसार यहां इंतजाम नहीं होने से हादसे की आशंका रहती है।
क्षेत्र के बालाजी मोड़, खेडा पहाड़पुर, ठीकरिया, पिलोडी पर कट बने हुए हैं। इनमें रोड पार करते समय हमेशा दुर्घटना का अंदेशा बना रहता है। इन कट पर रोड क्रॉस करने के चिन्ह व सड़क के दोनों तरफ अवरोधक भी नहीं बने हैं। इससे वाहन तेज गति से गुजरते हैं और आए दिन हादसे होते हैं।