‘संप्रदाय से नहीं, मानवता से जुड़ा है योग’
राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा, “भारत की पहल पर योग के प्रति विश्व समुदाय में सम्मान बढ़ा है। दुनिया भर के लोग इससे लाभान्वित हो रहे हैं। योग पद्धति को सही और सरल तरीके से जन सुलभ बनाना योग संस्थानों का दायित्व है। योग की संस्थाएं किसी संप्रदाय या पंथ से जुड़ी नहीं हैं।” उन्होंने ये भी कहा कि कुछ लोग भ्रांतिवश एक समुदाय से जोड़ते हैं, लेकिन ऐसा बिल्कुल भी नहीं है। योग जीवन जीने की कला है, जिसे अपनाने से मनुष्य के शरीर, मन और समग्र व्यक्तित्व को लाभ मिलता है। राष्ट्रपति ने अपने संदेश में कहा कि योग को अपनी दिनचर्या का हिस्सा बनाना चाहिए। कहा जाता है कि स्वास्थ्य ही संपदा है, इसलिए इस संपदा को स्वस्थ रखना हमारा कर्तव्य होना चाहिए।
उपराष्ट्रपति ने भी दी देशवासियों को शुभकामनाएं
अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर देश के उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने भी देशवासियों को शुभकामनाएं दीं। उन्होंने ‘एक्स’ पर लिखा, “अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर हम इस प्राचीन परंपरा का उत्सव मनाते हैं। भारत का दुनिया को उपहार है, जो दुनिया भर में लाखों लोगों के लिए शांति, शक्ति और एकता लाता है। भारत की 5000 साल पुरानी सभ्यता में निहित योग की ये शाश्वत ज्ञानधारा आज सीमाओं से परे जाकर मानवता को स्वास्थ्य और सद्भाव से जोड़ रही है।”