पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार डॉ सुषमा साहू नारायणराव मेघावाले कन्या महाविद्यालय में अतिथि प्राध्यापक के पद पर पदस्थ थीं। गर्मी की छुट्टियों में वह घर रायपुर गई थी। 13 जून को वह अपने कैलाशपति नगर किराए के निवास वापस लौटी। रात को अपने कमरे में सोने के लिए गई तो सुबह तक दरवाजा नहीं खोली। काफी आवाज लगाने के बाद भी जब कोई सुगबुगाहट नहीं हुई तो खिड़की से कमरे के अंदर देखा गया, तो सुषमा फांसी के फंदे पर लटक रही थी।
तत्काल उनके पिता को बुलाया गया और दरवाजा खोला गया। चूंकि रात हो चुकी थी। इस वजह से लाश को पोस्टमार्टम के लिए नहीं भेजा गया। रविवार सुबह रक्तदान एंबुलेंस से शव को जिला अस्पताल लाया गया। पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों को सौंप दिया गया है।
डायरी में सुसाइट नोट मिला
इधर घटना के बाद पुलिस ने कमरे की तलाशी ली तो डायरी में
सुसाइट नोट मिला है, जिसमें सुषमा ने सॉरी मम्मी-पापा। बॉडी का पोस्टमार्टम मत कराना। मौत के लिए कोई जिम्मेदार नहीं है लिखा मिला।
मिली जानकारी के अनुसार डॉ सुषमा साहू अविवाहित थी और केमिस्ट्री की प्राध्यापक थी। उनके पिता नारायण लाल साहू पूर्व में धमतरी में भू-अभिलेख शाखा में नायब तहसीलदार भी रह चुके हैं। कॉलेज के प्राध्यापकों का कहना है कि वह व्यावहारिक रूप से बहुत ही अच्छी थी। इंटेलिजेंट थी। उनका केमिस्ट्री में कमांड भी बहुत अच्छा था। इस घटना से कॉलेज स्टाफ भी स्तब्ध हैं। वह 16 मई को कॉलेज से जा चुकी थी।
13 जून को कुशालपुर रायपुर से लौटी थी
रुद्री थाना प्रभारी अमित बघेल ने बताया कि डॉ सुषमा साहू गर्ल्स कॉलेज की प्राध्यापक थी। 13 जून को वह कुशालपुर रायपुर से अपने किराए के निवास कैलाशपति नगर में आई थी। घर में फांसी लगाकर आत्महत्या की है। शव पोस्टमार्ट पश्चात परिजनों को सौंप दिया गया है। सुसाइड नोट मिला है। मामले की जांच की जा रही है।