पीडि़त दुकानदारों ने बताया कि शरद मेला महोत्सव के इस बार ठेके पर जाने के कारण फुटपाथिए दुकानदारों के आगे दुकान लगाने का संकट आ गया था। कलक्टर के आदेश के बाद एसडीएम की अगुवाई में मेला ठेकेदार ने दुकानदारों को 8-8 फीट नि:शुल्क जगह आवंटित की थी। लेकिन 1 दिसंबर की रात्रि कुछ लोगों ने आकर उनकी दुकान का सामान बाहर फेंक महिलाओं के साथ अभद्रता करने लगे। और दुकानों की 500 रुपए की रसीद काटने की कहने लगे। जिसके बाद कुछ दुकानदारों ने रसीट भी कटवा ली। दुकानदारों ने बताया कि हम छोटे दुकानदार हैं 500 रुपए प्रतिदिन कहां से देंगे।
कलक्टर के नाम दिया ज्ञापन मामले को लेकर पीडि़त दुकानदार सोमवार सुबह ज्ञापन देने कलक्ट्रेट पहुंच गए। लेकिन कलक्टर के मिलने से ज्ञापन एडीएम को सौंप अपनी पीड़ा बताई। जिसके बाद एडीएम ने एसडीएम के लिए मार्क कर दिया। पीडि़त दुकानदार मामले को लेकर डरे और सहमे हैं। उनका कहना है कि लड़ाई झगड़ा हमारे बस का नहीं इससे अच्छा है हम मेला से ही चले जाएं। ज्ञापन देने वालों में अमर सिंह, पप्पू, भरत लक्ष्मी, अकरम, शाबिर, सुनीता, मंगल, बबली, मीना आदि लोग शामिल थे।
लडक़ों ने की अभद्रता, फेंका दुकान का सामान दुकानदारों ने बताया कि गत रात्रि 4-5 लडक़े आए और दुकानों का सामान बाहर फेंकने लगे। जिनमें से कुछ शराब का सेवन किए हुए थे। जब उन्हें रोकने की कोशिश की गई तो वह लडऩे पर उतारू हो गए। और 500 रुपए प्रत्येक दुकान का शुल्क मांगने लगे। जिसकी शिकायत हमने सोमवार को एडीएम से की है।
हमारी तरफ से किसी को परेशान नहीं किया जा रहा। हमने प्रशासन के कहने पर फुटपाथ पर दुकान लगाने के लिए नि:शुल्क जगह दी गई। जिसके एवज में ना तब और ना अब हम उनसे रुपए ले रहे हैं।
हुसैन, मेला ठेकेदार