पीड़ित उपेन्द्र सिंह पुत्र कालीचरन निवासी छैंकुरिया बस्ती राजाखेड़ा ने बताया कि उसके दो पुत्र बड़ा मयंक और छोटा भूमिक को बुखार आ रहा था। जिस पर वह दोनों को कस्बे के झोलाछाप डॉ. रमाकांत तोमर के पास दवा दिलाने के लिए लेकर गया था। यहां भूमिक (7) को इंजेक्शन लगा दिया जबकि उसने मना किया था। कहा कि उसे कभी इंजेक्शन नहीं लगा है, केवल सीरप दे दो।
लेकिन डॉक्टर ने कहा कि तुम्हारा बेटा 5 मिनट में सही हो जाएगा। डॉक्टर के इंजेक्शन लगाने के कुछ मिनट बाद उसकी तबीयत बिगड़ गई। जिसे देख वह बेहोश हो गया। इसके बाद डॉ.उसके पुत्र को लेकर कहा चला पता नहीं चला। जिस पर अन्य लोगों के साथ डॉ. रमाकांत की तलाश की। मालूम हुआ कि वह आगरा की तरफ भागा है। जिस पर वाहनों से पीछा किया और आगरा के दिगनेर रोड पर उसे पकड़ लिया। परिजन आरोपित और बच्चे के शव को लेकर जिला पुलिस अधीक्षक कार्यालय पहुंचे और कार्रवाई की मांग की।
आगरा इलाज कराने ले गया था झोलाछाप
बताया जा रहा है कि बालक भूमिक की तबीयत बिगड़ने पर चिकित्सक अपने एक अन्य साथी के साथ उसे कार में लेकर आगरा की तरफ निकल गया। यहां वह किसी अस्पताल में पहुंचा लेकिन उसकी पहले ही मौत होना बताया। इस बीच पीछा करने परिजनों को वह रास्ते में मिल गया, जिस पर घेराबंदी कर उसे पकड़ लिया।
जिले में झोलाछापों की भरमार
बता दें कि जिले में झोलाछाप चिकित्सकों की भरमार बनी हुई है। यहां अकेले राजाखेड़ा कस्बे में करीब 50 झोलाछाप चिकित्सक क्लीनिक चला रहे हैं। इस तरह के अवैध क्लीनिक राजाखेड़ा ही नहीं जिले के सैंपऊ, मनियां, बाड़ी, बसेड़ी और सरमथुरा इलाके में खूब संचालित हैं। जिम्मेदार स्वास्थ्य विभाग के केवल खानापूर्ति करने में लगा है। लोगों की जिन्दगी को दाव पर लगाने वालों के खिलाफ कार्रवाई नहीं होने से ये बेझिझक होकर धंधा कर रहे हैं। आरोपित के खिलाफ नामजद मुकदमा दर्ज किया है। हिरासत में लेकर पूछताछ जारी है। प्रकरण में अनुसंधान चल रहा है। पीएम करा शव परिजनों को सौंप दिया।
- रामकिशन यादव, थाना प्रभारी राजाखेड़ा