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धौलपुर

स्कूलों में मास्साहब की कमी…बच्चे कैसे सीखें ए बी सी डी ई

सरमथुरा कस्बा के सरकारी स्कूलों में पढ़ाई कर करीब 500 से अधिक बच्चे डॉक्टर, इंजीनियर बन नाम कमा रहे हैं। मगर आज उन्हीं स्कूलों में बच्चों का भविष्य अंधकार में है। शहर में बच्चों की पढ़ाई के लिए फिलहाल दो सीनियर विद्यालय है। जुलाई माह से इनमें शैक्षणिक सत्र की शुरुआत हो जाएगी। शैक्षणिक सत्र चालू होने से पहले दोनों विद्यालय में पढ़ने के लिए आने वाले विद्यार्थियों को पढ़ाने का दायित्व निभाने वाले शिक्षक व व्याख्याताओं के रिक्त पदों की समस्या गंभीर बनी हुई हैं।

धौलपुरJun 23, 2025 / 06:11 pm

Naresh

स्कूलों में मास्साहब की कमी...बच्चे कैसे सीखें ए बी सी डी ई There is a shortage of teachers in schools...how will children learn A B C D E
कस्बे के राजकीय स्कूलों में शिक्षक और व्याख्याताअें के पद रिक्त

बच्चों के अध्ययन में आ रही परेशानी, शिक्षा विभाग वेखबर

dholpur, सरमथुरा कस्बा के सरकारी स्कूलों में पढ़ाई कर करीब 500 से अधिक बच्चे डॉक्टर, इंजीनियर बन नाम कमा रहे हैं। मगर आज उन्हीं स्कूलों में बच्चों का भविष्य अंधकार में है। शहर में बच्चों की पढ़ाई के लिए फिलहाल दो सीनियर विद्यालय है। जुलाई माह से इनमें शैक्षणिक सत्र की शुरुआत हो जाएगी। शैक्षणिक सत्र चालू होने से पहले दोनों विद्यालय में पढ़ने के लिए आने वाले विद्यार्थियों को पढ़ाने का दायित्व निभाने वाले शिक्षक व व्याख्याताओं के रिक्त पदों की समस्या गंभीर बनी हुई हैं।
दोनों स्कूलों में आधे से ज्यादा शिक्षकों के पद रिक्त हैं। इन स्कूलों में कुछ विषय के व्याख्याता तो लम्बे समय से नहीं लगे। इन विद्यालयों की गत वर्ष की छात्र संख्या एक हजार के करीब थी। सबसे गंभीर बात तो यह है कि सरमथुरा के पीएम श्री राजकीय उच्च माध्यमिक बालिका विद्यालय भी शिक्षकों की कमी से जूझ रहा है। इससे भी बुरी स्थिति राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय की है। पीएम श्री राजकीय उच्च माध्यमिक बालिका विद्यालय में शिक्षकों के 22 पद सृजित है, जिसमें से आठ पद खाली है। इसीप्रकार राउमावि में शिक्षकों के कुल 37 पद सृजित है, जिसमें से 22 पद रिक्त है। इन स्कूलों की खाशियत यह थी कि इनमें पढ़ने के बाद शहर के बच्चे डॉक्टर, इंजीनियर बनकर मुकाम हासिल करते थे। दोनों स्कूलों में शिक्षकों के पद रिक्त होने के कारण सिर्फ पढ़ाई ही प्रभावित नही होगी बल्कि बच्चों का भविष्य भी खराब होने का अंदेशा है। जबकि सरकार सरकारी स्कूलों पर करोड़ों की राशि खर्च कर हाइटेक व्यवस्था करने का ढिढोंरा पीट रही हैं।
-पीएम श्री बालिका स्कूल में पांच व्याख्याता ही नहीं

कस्बा के पीएमश्री राजकीय उच्च माध्यमिक बालिका विद्यालय में शिक्षकों के 22 पद सृजित हैं। जिसमें से आधे पद व्याख्याता के है। स्कूल की स्थिति यह है कि 10 व्याख्याता के पद में से हिंदी, राजनीति विज्ञान, संस्कृत, रसायन विज्ञान व जीव विज्ञान आदि के पांच व्याख्याताओं के पद रिक्त है। एक वरिष्ठ शिक्षक हिंदी, अध्यापक लेवल 2 के एक शिक्षक हिंदी सहित सैकेण्ड ग्रेड के एक विशेष शिक्षक का पद रिक्त पड़ा है। अगर बात की जावे तो स्कूल में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की कमी है। तीन में से सिर्फ एक चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी तैनात है। जबकि स्कूल में 560 बालिकाओं का नामांकन है।
-राउमावि में फिजिक्स, केमिस्ट्री, मेथ सहित 12 शिक्षकों की कमी

कस्बा का मुख्य स्कूल शिक्षकों की कमी के कारण बदहाली के दौर से गुजर रहा है। संस्था के संचालन के लिए कई बर्षों से प्रिसिंपल का पद ही रिक्त पड़ा हुआ है। इसीप्रकार स्कूल में हिंदी, अंग्रेजी, भौतिक विज्ञान, रसायन विज्ञान, भूगोल, उर्दू, मेथमेटिक्स आदि व्याख्याता एवं ग्रेड 2 लेवल में हिंदी, अंग्रेजी सहित सीनियर फिजीकल एजूकेशन टीचर, वाइस प्रिसिंपल, एक लाइब्रेरियन, दो लैव बाय बेसिक कंप्यूटर, असिस्टेंट एडमिनिस्टेटिव ऑफिसर आदि के पद रिक्त पड़े हैं। जबकि स्कूल में 440 बच्चों का नामांकन है।

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