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अनाधिकृत वाहनों पर कार्रवाई की दरकार, आदेश के बाद भी नहीं उतर रहे रसूख के हूटर व नंबर प्लेट

15 दिवसीय अभियान चलाने पुलिस अधीक्षक ने दिए निर्देशडिंडौरी. मोटर व्हीकल एक्ट के प्रावधानों के विरुद्ध अनाधिकृत वाहनों में लगे हूटर, फ्लैशलाइट, वीआईपी स्टीकर और भ्रामक नंबर प्लेट को हटाने पुलिस मुख्यालय ने आदेश जारी किए हैं। इसके बाद भी जिले में अभी भी रसूख के यह नमूने वाहनों में देखे जा सकते हैं। जिला […]

डिंडोरीMar 07, 2025 / 03:02 pm

Prateek Kohre

15 दिवसीय अभियान चलाने पुलिस अधीक्षक ने दिए निर्देश
डिंडौरी. मोटर व्हीकल एक्ट के प्रावधानों के विरुद्ध अनाधिकृत वाहनों में लगे हूटर, फ्लैशलाइट, वीआईपी स्टीकर और भ्रामक नंबर प्लेट को हटाने पुलिस मुख्यालय ने आदेश जारी किए हैं। इसके बाद भी जिले में अभी भी रसूख के यह नमूने वाहनों में देखे जा सकते हैं। जिला मुख्यालय में ही जनप्रतिनिधियों, नेताओं और अधिकारियों के वाहनों में अधिनियम का खुला माखौल उड़ाया जा रहा है। उल्लेखनीय है कि प्रदेश में हूटर लगे वाहनों के खिलाफ पुलिस ने प्रदेशव्यापी अभियान शुरू किया है। सभी पुलिस अधीक्षकों को ऐसे वाहनों के खिलाफ सतत कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए हैं, जो मोटर व्हीकल एक्ट का उल्लंघन कर रहे हैं। खासतौर पर हूटर लगे वाहनों के खिलाफ विशेष निगरानी के निर्देश दिए गए हैं। प्रावधानों के मुताबिक कार्रवाई के दौरान पकड़े जाने वाले चालकों के खिलाफ चालानी कार्रवाई के साथ साथ वाहन जब्ती तक की जा सकती है। आदेश में ऐसी अवैध गतिविधियों पर रोक लगाने के निर्देश दिए गए हैं। यह अभियान 15 मार्च तक विशेष रूप से चलाया जाएगा।


ये होंगे कार्रवाई के दायरे में


पुलिस मुख्यालय से जारी पत्र में रसूख का हूटर लगे वाहन, फ्लैश लाइट और गलत नंबर प्लेट लगाकर घूमने वाले वाहनों को अभियान के दौरान विशेष रूप से चिन्हिंत करने के निर्देश दिए गए हैं। पत्र में कार्रवाई के दायरे में आने वाले वाहनों की जानकारी भी मुख्यालय को भेजने के निर्देश हैं।


इनको है अधिकार


कानून की बात करें तो जनप्रतिनिधियों को भी अपने वाहन में हूटर, सायरन लगाने का अधिकार नहीं है। हूटर का इस्तेमाल सिर्फ फायर ब्रिगेड के वाहन, एंबुलेंस एवं पुलिस के वाहन में ही हो सकता है। इसके बावजूद जिला मुख्यालय व जिले में दिन भर हूटर लगे वाहन धड़ल्ले से घूमते देखे जा सकते हैं। इनमें विधायक उनके रिश्तेदार और कई पार्टी नेता भी अपना दबदबा बनाने हूटर बजाते घूमते देखे जा सकते हैं।


किसी ने कहा जानकारी नहीं, कोई बोला हम हटा लेंगे


वाहनों में हूटर लगाकर घूमने वाले जन प्रतिनिधि पुलिस मुख्यालय के आदेश के बाद अलग-अलग तक देते नजर आए। किसी ने कहा हमें इसकी जानकारी नहीं है और कोई बोला कि हम स्वयं हटा लेंगे। डिडौरी विधायक ओमकार मरकाम का कहना है कि ग्रामीण क्षेत्रों में जाने पर वह हूटर के माध्यम से संबोधन देते हैं। जिला पंचायत अध्यक्ष रुदेश परस्ते ने कहा कि उन्हे निर्देश की जानकारी नहीं है। जनपद अध्यक्ष डिंडौरी आशा सिंह ने खुद ही हूटर निकाल लेने की बात कही है। इसके साथ ही मुख्य नगर पालिका अधिकारी डिंडौरी ने तर्क दिया है कि उनका वाहन शासकीय है इसलिए हूटर लगा है, जबकि इनके वाहन का रजिस्ट्रेशन निजी है और वाहन अधिकृत है।


इन नियमों का करना है पालन


मोटरयान अधिनियम, 1988 की धारा 212- 1994 में नौ जुलाई 2013 को संशोधन कर उपनियम स्थापित किए गए हैं। इसके तहत किसी भी अग्निशमन यान (फायर ब्रिगेड का वाहन) के चालक को आग बुझाने के लिए जाते समय हूटर बजाने का अधिकार है। किसी भी एंबुलेंस के चालक भी गंभीर मरीज को उपचार के लिए ले जाते समय ही वाहन में लगे हूटर को बजा सकता है। राज्यपाल, मुख्यमंत्री, उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधिपति या राज्य विधानसभा के एस्कोर्टिंग में लगे सुरक्षा वाहन हूटर का इस्तेमाल कर सकते हैं। सेना, पुलिस, कार्यपालिक दंडाधिकारी के वाहन चालक कानून व्यवस्था की स्थित बनने पर हूटर, सायरन का उपयोग कर सकते हैं। इनके अतिरिक्त किसी भी वाहन में लगा हूटर, सायरन अवैध है।


इनका कहना है


अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक और यातायात प्रभारी को आदेश के पालन के लिए निर्देशित कर किया गया है। इसके लिए अभियान शुरू कर दिया गया है। सभी लोग खुद ही नियमों का पालन करें।
वाहनी सिंह, पुलिस अधीक्षक डिंडौरी

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