ASER 2024: बुनियादी शिक्षा पर दिया गया जोर- डायरेक्टर
ASER की डायरेक्टर ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 और बुनियादी शिक्षा पर इसके विशेष ध्यान को इस सुधार का मुख्य कारण बताया। उन्होंने कहा कि पहली बार, पूरे देश में बुनियादी शिक्षा और गणितीय कौशल में सुधार के लिए एक व्यवस्थित प्रयास किया गया है।
ASER: 2024 में हुए हैं कई सुधार
ASER 2022 की तुलना में 2024 में सुधार के कई महत्वपूर्ण आंकड़े सामने आए हैं। सरकारी स्कूल 2024 में, कक्षा 3 के 23.4% छात्र कक्षा 2 के स्तर का पाठ पढ़ने में सक्षम थे, जो 2022 में 16.3% था। इस दौरान निजी स्कूलों में यह संख्या 33.1% से बढ़कर 35.5% हो गई। कक्षा 5 के छात्रों की पढ़ने की क्षमता सरकारी स्कूलों में 2022 के 38.5% से बढ़कर 2024 में 44.8% हो गया, जो 2018 के 44.2% के करीब है। वहीं, निजी स्कूलों में यह आंकड़ा 2022 के 56.8% से बढ़कर 59.3% हो गया, लेकिन यह अभी भी 2018 के 65.1% के नीचे है।
ASER 2024: इन राज्यों का भी प्रदर्शन रहा अच्छा
अलग-अलग राज्यों की बात करें तो केरल, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, ओडिशा, और महाराष्ट्र जैसे राज्यों में विशेष रूप से बड़ा सुधार देखा गया। इन राज्यों ने 2022 की तुलना में 2024 में सीखने के स्तर में 10 प्रतिशत अंकों की वृद्धि दर्ज की। इस रिपोर्ट में यह भी सामने आया कि सरकारी स्कूलों ने पिछले दशक के पढ़ने के स्तर को छुआहै। 2014 में, केवल 17.2% सरकारी स्कूलों के कक्षा 3 के छात्र कक्षा 2 के स्तर का वर्क पढ़ पाते थे, जबकि 2024 में यह आंकड़ा 23.4% तक पहुंच गया।
ASER: बच्चों के बीच स्मार्टफोन का बढ़ा उपयोग
रिपोर्ट में कई प्रकार की जानकारी दी गई है। जिसमें सोशल मीडिया और स्मार्टफोन भी शामिल है। ASER 2024 की रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में 14 से 16 वर्ष की उम्र के 82.2% बच्चे स्मार्टफोन का उपयोग करना जानते हैं। इनमें से 57% बच्चे स्मार्टफोन का इस्तेमाल पढ़ाई और उससे जुड़ी गतिविधियों के लिए करते हैं। वहीं, 76% बच्चों ने माना कि वे स्मार्टफोन का उपयोग सोशल मीडिया के लिए करते हैं। इस रिपोर्ट में 17,997 गांवों के 6,49,491 बच्चों को शामिल किया गया। रिपोर्ट के अनुसार, 90% बच्चों ने बताया कि उनके घर में स्मार्टफोन है। इनमें 85.5% लड़के और 79.4% लड़कियां शामिल हैं जो स्मार्टफोन का उपयोग करना जानती हैं।