अतिशेष शिक्षिका का किया ट्रांफसर
शासकीय प्राथमिक शाला गुजरा की शिक्षिका ललिता कंवर को युक्तियुक्तकरण के तहत अतिशेष शिक्षक के रुप में साल्हे प्राथमिक स्कूल में पदस्थ किया गया है। जब से शिक्षिका ललिता को अन्य स्कूल भेजा गया है, तब से गुजरा स्कूल के कई बच्चे खाना भी नहीं खा रहे हैं और शिक्षिका को गुजरा स्कूल में ही पदस्थ करने की मांग स्कूली बच्चे व ग्रामीणों द्वारा की जा रही है। स्कूली बच्चों की आंखों से आंसू भी छलक पड़े। शासकीय प्राथमिक शाला गुजरा में दर्ज संख्या के अनुसार 2 शिक्षक की आवश्यकता है। ललिता कंवर सहायक शिक्षक की पदस्थापना शासकीय प्राथमिक शाला गुजरा में करने की मांग ग्रामीण कर रहे हैं।
बोरिद के ग्रामीणों ने कहा, एक शिक्षक कैसे पढ़ाएंगे 66 बच्चे
ग्राम बोरिद में ग्रामीणों ने स्कूल में एक शिक्षक की नियुक्ति करने की मांग शिक्षा विभाग व कलेक्टर से की है। ग्रामीणों ने बताया रूपेश कुमार गौतम सहायक शिक्षक शासकीय प्राथमिक शाला बोरिद संकुल केन्द्र गुजरा विकासखंड डौंडी में 1 जनवरी 2009 से पदस्थ है। कार्यालय कलेक्टर (आदिवासी विकास शाखा) के आदेश के अनुरूप आदिवासी बालक आश्रम बगदई गुरुर में संलग्न है। शासकीय प्राथमिक शाला बोरिद में वर्तमान दर्ज संख्या 66 है। वर्तमान में प्रधान पाठक व एक सहायक शिक्षक कार्यरत है। अत: शाला में एक शिक्षक की आवश्यकता है। शिक्षक रूपेश कुमार गौतम को अपने मूल शाला में पदस्थ करने की मांग की है। चिरचारी के ग्रामीणों ने कहा कि दोनों शिक्षकों को यथावत रखें, नहीं तो आंदोलन किया जाएगा। बालोद-पाररास रेलवे फाटक ओवर ब्रिज निर्माण रूका, 70 लोगों की आ रही जमीन, मुआवजा फाइनल नहीं
शिक्षकों की पदस्थापना से बच्चे व पालक नाराज
जिले के शासकीय प्राथमिक शाला चिरचारी में युक्तियुक्तकरण के तहत दो शिक्षकों को अन्य स्कूल में पदस्थापना कर दी है, जिससे स्कूली बच्चे व पालक नाराज हो गए हैं और दोनों शिक्षकों को वापस स्कूल में पदस्थ करने की मांग कर रहे हैं। ग्रामीणों ने यह भी कहा कि दोनों शिक्षकों को वापस स्कूल में पदस्थ नहीं किया गया तो आंदोलन भी किया जा सकता है।
शिक्षा व्यवस्था पर प्रतिकूल असर पडऩे वाला है
स्कूल प्रबंधन समिति के अध्यक्ष जलेश्वर प्रसाद व तपनलाल ने कहा कि युक्तियुक्तकरण के पहले कुल 4 शिक्षक पदस्थ थे। परंतु युक्तियुक्तकरण के तहत 2 शिक्षकों साकेत साहू एवं द्रोपदी साहू को अतिशेष मानकर उनकी पदस्थापना अन्यत्र कर दी गई है, जिससे गांव की शिक्षा व्यवस्था पर बहुत प्रतिकूल प्रभाव पडऩे वाला है, जो अत्यंत चिंता का विषय है। विगत 4-5 वर्षों से प्रतिवर्ष गांव के स्कूल से नवोदय विद्यालय, प्रयास और एकलव्य में बच्चों का चयन हो रहा था, जो शिक्षकों के अभाव में असंभव हो जाएगा। दरअसल प्रधान पाठक का स्वास्थ्य भी ठीक नहीं रहता है और अक्टूबर 2025 में उनकी सेवानिवृत्ति होनी है। ऐसे में शाला का संचालन एक अकेले शिक्षक को निर्वहन करना होगा, जो कि अत्यंत चिन्ता का विषय है। ऐसे में शाला में पूर्व में नियुक्त शिक्षकों को पुन: शाला में लाया जाए। इस दौरान बड़ी संख्या में ग्रामीण उपस्थित रहे।
भैंसबोड़ में स्कूल को मर्ज करने की जरूरत नहीं, फिर भी कर दिया
डौंडी विकासखंड के ग्राम भैंसबोड़ में प्राथमिक स्कूल को माध्यमिक स्कूल में मर्ज करने का विरोध शुरू हो गया है। ग्रामीणों ने कहा कि शासन की गाइडलाइन के तहत स्कूल को मर्ज नहीं किया जा सकता लेकिन शिक्षा विभाग ने आखिर क्यों मर्ज किया। यह समझ से परे है। पूर्व की तरह ही अलग-अलग स्कूल संचालित करने की मांग ग्रामीणों ने कलेक्टर व शिक्षा विभाग से की है। ग्राम पंचायत भैसबोड़ की सरपंच खेमेश्वरी साहू ने बताया शासन के निर्देशानुसार शासकीय शालाओं का युक्तियुक्तकरण किया जा रहा है। इसी के तहत शासकीय प्राथमिक शाला भैंसबोड, विकासखंड डौंडी का युक्तियुक्तकरण शासकीय पूर्व माध्यमिक शाला भैंसबोड़ में किया जा रहा है। दोनों शालाओं का युक्तियुक्तकरण नहीं किया जा सकता। दोनों शाला अलग-अलग परिसर में संचालित हैं। दोनों शाला पर्याप्त दूरी पर स्थित है।
शासकीय प्राथमिक शाला भैंसबोड़ की दर्ज संख्या 128
शासकीय प्राथमिक शाला भैंसबोड़ 1948 से निरतंर संचालित है। यहां दर्ज संख्या 128 है। शासकीय पूर्व माध्यमिक शाला भैंसबोड़ की दर्ज संख्या 90 है। ऐसे में प्राथमिक स्कूल को माध्यमिक स्कूल में मर्ज नहीं किया जा सकता। ग्रामीणों ने साफ कहा है कि यदि दोनों शालाओं का युक्तियुक्तकरण होता है तो ग्रामवासी उग्र आंदोलन के लिए बाध्य हो जाएंगे, जिसकी समस्त जवाबदेही शासन-प्रशासन की होगी।
पिपरछेड़ी स्कूल में शिक्षकों की कमी, जल्द करें भर्ती
जिले के ग्राम पिपरछेड़ी स्कूल में संचालित पूर्व माध्यमिक व शासकीय उच्चतर माध्यमिक स्कूल में रिक्त पदों पर शिक्षक भर्ती की मांग कलेक्टर से ग्राम पंचायत सरपंच कृष्णा साहू ने की। सरपंच कृष्णा साहू ने बताया कि शासकीय पूर्व माध्यमिक शाला में लगभग 120 विद्यार्थी तथा उच्चतर विभाग में लगभग 240 विद्यार्थी अध्ययनरत हैं। रिक्त पद होने के कारण शाला की अध्यापन व्यवस्था प्रभावित हो रही है। स्कूल में व्याख्याता संस्कृत, व्याख्याता भूगोल, अर्थशास्त्र व प्रयोगशाला सहायक के तीन पद रिक्त हैं। इन सभी रिक्त पदों को जल्द से जल्द भरे जाने की मांग की है। व्याख्याता तथा विज्ञान सहायक की नियुक्ति अत्यंत आवश्यक है। इसके अभाव में अध्यापन बुरी तरह से प्रभावित हो रहा है।