धार्मिक मान्यताओं के अनुसार ज्येष्ठ माह में हनुमान जी, सूर्य देव और वरुण देव की विशेष उपासना करनी चाहिए। वरुण जल के देवता हैं, सूर्य देव अग्नि के और हनुमान जी कलियुग के देवता माने जाते हैं। ज्योतिष शास्त्र में भी ज्येष्ठ माह को महत्वपूर्ण माना गया है। इस पवित्र महीने में पूजा-पाठ और दान-धर्म करने से कई प्रकार के ग्रह दोष से मुक्ति मिलती है। साथ ही इस महीने में निर्जला एकादशी और गंगा दशहरा जैसे महत्वपूर्ण व्रत एवं त्योहार मनाए जाते हैं।
ज्येष्ठ माह का महत्व
धार्मिक मान्यता है कि ज्येष्ठ माह में ही हनुमान जी की मुलाकात भगवान श्रीराम से हुई थी, इसलिए इस महीने में मंगलवार का व्रत रखने से साधक को विशेष लाभ मिलता है। साथ ही बजरंगबली की विशेष पूजा अर्चना करने से कई प्रकार के कष्टों का नाश हो जाता है।इस पवित्र महीने में जल संरक्षण और पेड़-पौधों को जल देने से कई कष्टों का नाश होता है, साथ ही पितर प्रसन्न होते हैं। शास्त्रों के अनुसार ज्येष्ठ माह में दान-धर्म करने से व्यक्ति को विशेष लाभ मिलता है। साथ ही इस माह में किसी जरूरतमंद और पशु-पक्षियों को पानी पिलाने से विशेष लाभ मिलता है। इस माह में हर महीने में पड़ने वाली एकादशी प्रदोष, पूर्णिमा, नारद जयंती, शीतलाष्टमी, वट सावित्री व्रत, गंगा दशहरा और निर्जला एकादशी जैसे प्रमुख व्रत और त्योहार पड़ते हैं, देखें ज्येष्ठ महीने में व्रत त्योहार की लिस्ट
ज्येष्ठ माह 2025 व्रत त्योहार (Jyeshtha Month 2025)
- 13 मई 2025: नारद जयंती, ज्येष्ठ माह प्रारंभ,
- 14 मई 2025: वृषभ संक्रांति
- 16 मई 2025: एकदन्त संकष्टी चतुर्थी
- 20 मई 2025: मासिक कालाष्टमी और मासिक कृष्ण जन्माष्टमी
- 23 मई 2025: अपरा एकादशी
- 24 मई 2025: शनि प्रदोष व्रत
- 25 मई 2025: मासिक शिवरात्रि
- 26 मई 2025: वट सावित्री व्रत, दर्श अमावस्या
- 27 मई 2025:, शनि जयंती, ज्येष्ठ अमावस्या, रोहिणी व्रत
- 29 मई 2025: महाराणा प्रताप जयंती
- 30 मई 2025: विनायक चतुर्थी
- 1 जून 2025: स्कन्द षष्ठी
- 3 जून 2025: धूमावती जयंती, मासिक दुर्गाष्टमी
- 4 जून 2025: महेश नवमी
- 5 जून 2025: गंगा दशहरा
- 6 जून 2025: निर्जला एकादशी, गायत्री जयंती
- 8 जून 2025: प्रदोष व्रत
- 10 जून 2025: वट पूर्णिमा व्रत, ज्येष्ठ पूर्णिमा व्रत
- 11 जून 2025: ज्येष्ठ पूर्णिमा स्नान और दान, कबीरदास जयंती