इलाके के जंगल में तेंदुए की संदिग्ध मौत और उसके अवशेष गायब होने के मामले में वन विभाग ने बड़ी कार्रवाई की है। एक माह से चल रही जांच के बाद तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। आरोपियों से तेंदुए के 33 नाखून, एक दांत और तीन बाल बरामद किए गए हैं। तीनों को न्यायालय में पेश कर 14 दिन की न्यायिक रिमांड पर जेल भेज दिया गया है। वन अफसरों ने बताया कि मुखबिर की सूचना पर विभाग ने तीन लोगों को कोचबाय चौराहे पर गिरफ्तार किया।
वे तेंदुए के नाखून, दांत और बाल बेचने की फिराक में थे। पकड़े गए आरोपियों में सेहरापानी गांव से अशोक पिता चरण सिंग (48), बीरबल यादव (28) और पंडरीपानी गांव से अशोक कमार (45) शामिल हैं। इसके बाद बुधवार को आरोपी अशोक कमार के घर पर छापा मारा गया। यहां से भी विभिन्न वन्यजीवों के अवशेष जैसे पैर, मांस के टुकड़े, पंख और बाल बरामद किए गए थे। मामले में वन्यप्राणी संरक्षण कानून के तहत अपराध दर्ज कर जांच की जा रही है।
जांच में तथ्य आए, तब अपराध दर्ज
मीडिया से सूचना मिलने पर वन अमला मौके पर पहुंचा। गरियाबंद वनमंडल के वनमंडलाधिकारी और उपवनमंडलाधिकारी डॉक्टरों की टीम के साथ घटनास्थल पर पहुंचे। उन्होंने हर पहलू से जांच की। संदिग्ध तथ्य सामने आने के बाद वन अपराध का प्रकरण दर्ज किया गया। इसके बाद से पतासाजी लगातार जारी थी। मामले को सुलझाने में छुरा वनपरिक्षेत्र अधिकारी धीरेन्द्र साहू, गरियाबंद वनपरिक्षेत्र अधिकारी नदीम बरिहा, उप वनक्षेत्रपाल लोकेश्वर सिंह चौहान, वनपाल कमल नेताम, कृष्ण कुमार साहू, शिवलाल यादव, वन रक्षक छमेश्वर साहू, देवराम साहू, यादराम सिन्हा, पुरुषोत्तम ध्रुव, तुलसी ध्रुव, रामध्वज मौर्य आदि की भूमिका रही।
पहले गांववालों ने देखा, वीडियो वायरल होनेके बाद फूटा था मामला
एक महीने पहले छुरा वनपरिक्षेत्र के भरुवामुड़ा में पंडरीपानी गांव के कक्ष क्रमांक 298 के जंगल में दो तेंदुओं की मौत हुई थी। यह इलाका पहाड़ी है। तेंदूपत्ता तोडऩे गए ग्रामीणों ने तेंदुओं को मरा देखा था। डर के मारे वे तुरंत गांव लौट आए। दो दिन बाद कुछ युवकों ने मौके पर जाकर वीडियो बनाया। उसे सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया। वीडियो मीडिया तक पहुंचा, तो तीसरे दिन कुछ मीडियाकर्मी मौके पर पहुंचे। वहां तेंदुओं के कुछ अवशेष ही बचे थे।