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गाज़ियाबाद

Kanwar Yatra: कांवड़ियों का तांडव: मामूली टक्कर पर चालक से मारपीट, कार में तोड़फोड़,पुलिस देखती रही तमाशा

Chaos in Kanwar Yatra: गाजियाबाद के मोदीनगर में कांवड़ यात्रा के दौरान अनुशासन टूटता दिखा जब एक मामूली वाहन टक्कर पर कांवड़ियों ने जमकर उत्पात मचाया। कार चालक को बेरहमी से पीटा गया, वाहन में तोड़फोड़ की गई और पुलिस मूकदर्शक बनी रही। इस घटना ने प्रशासनिक व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं।

गाज़ियाबादJul 14, 2025 / 10:29 am

Ritesh Singh

मोदीनगर में कांवड़ यात्रा के दौरान उत्पात, भीड़ गुस्साई      फोटो सोर्स : Social Media  X

मोदीनगर में कांवड़ यात्रा के दौरान उत्पात, भीड़ गुस्साई      फोटो सोर्स : Social Media  X

Kanwar Yatra 2025: रविवार को मोदीनगर में कांवड़ यात्रा के दौरान दो स्थानों पर हुई वाहन-टक्कर की घटनाओं ने हंगामा-रण जैसे हालात पैदा कर दिए। पहले मामले में एक कार की मामूली टक्कर को लेकर कांवड़ियों ने चालक की जमकर पिटाई की, फिर सड़क पर डंडे बरसाये; वहीं दूसरे मामले में भी कांवड़ियों और पुलिस के बीच तनातनी का दृश्य सामने आया। मोदीनगर-गंग नहर पटरी मार्ग और हाईवे पर दोनों ओर से बनी भारी भीड़ तथा सड़क जाम ने स्थानीय यातायात को ठप कर दिया। एसएचओ नरेश शर्मा ने बीच-बचाव किया, लेकिन घटना का असल कारण और भविष्य की तैयारी अब गहन जांच का विषय बनी हुई है।

तीखा संघर्ष

पहली घटना – सुमन हॉल के सामने टक्कर से बिगड़ा माहौल

दिन दोपहर बाद की घटना, सुमन हॉल के सामने, जब एक व्यक्ति की कार कांवड़ यात्रियों में शामिल एक कांवड़िए को मामूली रूप से छू गई। महज मामूली संपर्क को भी कांवड़ियों ने गंभीरता से लिया।  गुस्साई भीड़ ने पूरे संयम खो दिया।
उन्होंने चालक के ऊपर टूट-फूट शुरू कर दी, जिसमें गाड़ी का शीशा टूटा, दरवाजे फोड़े गए। कांवड़ियों ने शारीरिक रूप से कार-चालक को बेरहमी से पीटा। किसी ने डंडा उठाया, किसी ने लाठी से भयंकर रूप से हमला किया।
पुलिस के हस्तक्षेप के दौरान भी ये अपराध होते रहे।

पुलिस की निष्क्रियता और बाद में कार्रवाई

मौके पर मौजूद मोदीनगर पुलिस शुरुआती दौरान कायर टूट गई, जिससे हत्यारा माहौल और भड़क गया। बाद में एसएचओ नरेश शर्मा पहुंचे और उन्होंने चेतावनी भरे लहजे में लोगों को शांत करने की कोशिश की। उन्होंने कोई गिरफ्तारी तुरंत नहीं की, लेकिन वीडियो और गवाहों के आधार पर बाद में जांच की बात कही।

दूसरी घटना- हाईवे पर फिर तनाव

कुछ दूरी पर दूसरी घटना हुई, जहां एक अन्य कांवड़िए के साथ भी टक्कर हो गई। खून की क़मी न थी, पर तुरंत माहौल बिगड़ने लगा। कांवड़ियों ने वाहन को घेरे रखा। कुछ लोगों ने पुलिस की उपस्थिति में वाहन फोड़ने का प्रयास शुरू किया।
पुलिस मूकदर्शक बनी रही, लेकिन मोबाइल वीडियोज रिकॉर्ड करने वालों ने इस बार कड़ी दास्तां रिकॉर्ड की।

वीडियो वायरल: सड़क पर अराजकता और लोहे-लाठी की दस्तक

इन दोनों घटनाओं के वीडियो अब सोशल मीडिया पर इन दिनों तेजी से वायरल हो रहे हैं। भीड़ कार पर चढ़ती दिख रही है, लाठियाँ उठ रही हैं, पुलिस भेदभावपूर्ण स्तिथि में खड़ी रही, और सड़क हंगामे के चलते जाम बनी रही।
कुछ वीडियो में देखा जा सकता है कि वाहन चालक भागकर सुरक्षित स्थान की तलाश में है, जबकि कांवड़ियों ने कार को क्षतिग्रस्त करने की कोशिश में कोई कसर नहीं छोड़ी।

मोदीनगर-गंगनहर पटरी मार्ग: यात्रा बाधित

मोदीनगर दिल्ली-हरिद्वार हाईवे पर स्थित होकर मेरठ की सीमा को जोड़ता है और कांवड़ यात्रा के दौरान यह मार्ग महत्वपूर्ण होता है। रविवार को यह मार्ग पूरी तरह जाम हो गया दोनों ओर गाड़ियों की कतार लग गई।स्थानीय लोग घरों से देर तक निकल नहीं पाए।बस, ऑटो समेत निजी वाहन पूरी तरह रूके रहे।हाईवे का परिचालन लगभग दो घंटे ठप रहा।

स्थानीय लोगों की नाराज़गी

स्थानीय दुकानदार यादव शर्मा ने दुखी स्वर में कहा,“हम दिन भर टिक्के खाते रहे, गाड़ियों के जोड़ टूटे; ये कांवड़ियों को धर्म के नाम पर मारना आवश्यक नहीं था।”

वहीं एक महिला ने सीधे कोर्ट पर सवाल उठाया,“क्या कांवड़ यात्रा मानवाधिकार से ऊपर है? क्या किसी की जान की कीमत यही है?”

पुलिस जांच और कानूनी कार्रवाई की राह

एसएचओ नरेश शर्मा ने प्रेस को बताया कि पुलिस वीडियो और एफआईआर का विश्लेषण करने के बाद दोषियों को चिन्हित करेगी। उनका कहना था कि “हम शुरुआती रूप से निष्क्रिय दिखे, पर अब हमारी प्राथमिकता न्याय है। आरोपी वाहन चालक की मारपीट और कराहन तथा वाहन पर हुई विनाशारी कार्यवाही की सामूहिक जांच होगी।” इसके बाद पुलिस पूरे मोदीनगर क्षेत्र में निगरानी बढ़ा रही है।

ट्रैफिक और दुर्घटना रोकथाम की मांगें

  • पुलिस को प्रारंभिक सतर्कता बढ़ानी चाहिए।
  • इस मार्ग पर अधिक मोबाइल पेट्रोलिंग और रोड ब्लॉक लगाने चाहिए।
  • वाहन चालक और यात्रियों की सुरक्षा को प्राथमिकता दी जाए।
डॉ॰ अमित शर्मा, ट्रैफिक एक्सपर्ट, बताते हैं कि “सड़क हादसों के साथ ओवरलोड वाहन मौजूद रहते हैं – ऐसे में कांवड़ जैसे लम्बे मार्च वाले क्षेत्रों में पुलिस की जल्द हस्तक्षेप और अनुशासनात्मक कदम न देना चौकसी में कमी दर्शाता है।”

 कांवड़ यात्रा का सतर्क आयोजन

कांवड़ यात्रा धार्मिक आस्था की अभिव्यक्ति है, लेकिन इसके साथ जिम्मेदारी जरूरी है। विशेषज्ञ और प्रशासनिक सुझावों में शामिल हैं:

  • स्थानीय प्रशासन और पुलिस की संयुक्त तैयारियां यात्रा मार्ग सुरक्षा हेतु।
  • वाटर स्टेशन, प्राथमिक चिकित्सा क्लीनिक, और ट्रैफिक समन्वय बिंदु सुनिश्चित हों।
  • ड्राइवरों को जागरूक करना- “कांवड़ मार्ग पर धीमी गति”
  • शांति और सौहार्द निभाने वाले ऑर्गनाइजरों को नियुक्त करना।
डॉ॰ मनीष वर्मा, समाजशास्त्री कहते हैं कि  “धार्मिक उत्सवों को मानवता, कानून और सार्वजनिक व्यवस्था के साथ जोड़ना होगा; तभी यात्रियों और स्थानीय जनता को दोनों में संतुलन मिलेगा।”

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