Brij Bhushan Singh: बृजभूषण शरण सिंह ने वर्ष 1990 में नवाबगंज थाने में एक केस दर्ज कराया था। जिसमें कहा गया था कि 8 सितंबर 1990 को शाम के 4 बजे वह मोहल्ला पड़ाव स्थित अपने घर पर साथियों के साथ बैठे थे। तभी नगर कोतवाली के गांव रूद्रपुर बिसेन के रहने वाले उग्रसेन सिंह तथा देहात कोतवाली क्षेत्र के गांव पड़री कृपाल के रहने वाले वीरेंद्र कुमार मिश्र और खैरा कॉलोनी पाठक पुरवा के रहने वाले रमेश चंद्र मिश्र वहां पर पहुंचे। और बातचीत करने लगे। इसी बीच तैस में आकर उग्रसेन सिंह ने जान से मारने की नियत से तमंचे से फायर कर दिया। लेकिन वह बच गए। उग्रसेन के उसकाने पर वीरेंद्र कुमार मिश्रा और रमेश चंद्र मिश्र ने चाकू से हमला कर दिया। जिससे उनकी बांह पर चोटें आई थी। झगड़ा बवाल देखकर कुछ लोग वहां पहुंच गए। और इनको पकड़ लिया। इस मामले में नवाबगंज थाने में तीन लोगों के खिलाफ हत्या के प्रयास का मुकदमा दर्ज किया गया था।
न्यायालय ने आरोपी को किया दोष मुक्त, पूर्व सांसद पर लगाया अर्थदंड
जिसमें 11 सितंबर 2024 को तृतीय अपर सत्र न्यायालय में केस विचारण के दौरान घटना फर्जी मिली थी। इस मामले में दो आरोपियों की पहले ही मृत्यु हो चुकी है। एकमात्र बचे आरोपी वीरेंद्र कुमार को न्यायालय ने दोषमुक्त कर दिया था। इस मामले में न्यायालय ने पूर्व सांसद के खिलाफ एनबीडब्ल्यू वारंट जारी किया था। जिस पर संसद ने कोर्ट के समक्ष पेश होकर क्षमा याचना की थी। जिस पर कोर्ट ने वारंट निरस्त कर दिया था। पूर्व सांसद के विरुद्ध न्यायालय में झूठी गवाही देने के आरोप में प्रकीर्ण मुकदमा चलाने का आदेश दिया था। विशेष न्यायालय ने प्रकीर्ण मामले का निस्तारण करते हुए पूर्व सांसद को अर्थदंड से दंडित किया है।