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गोंडा जिले के पण्डरी कृपाल विकासखंड के विशवा गणेश गांव के रहने वाले ग्राम प्रधान मनीष कुमार वर्मा पुत्र मेवालाल से ग्राम पंचायत अधिकारी ने गांव में खड़ंजा व इंटरलॉकिंग कार्य के भुगतान में 10 फीसदी का कमीशन मांगा था। ग्राम प्रधान के मुताबिक उन्होंने गांव में इंटरलॉकिंग और खड़ंजा का कार्य कराया था। जिसका लगभग दो लाख रुपए भुगतान होना था। लेकिन ग्राम पंचायत अधिकारी द्वारा लगभग 6 माह से भुगतान नहीं किया जा रहा था। उनका कहना था कि उनके मन माफिक फर्म पर भुगतान किया जाएगा। तभी पैसा मिलेगा या फिर पूरे भुगतान का 10 प्रतिशत कमीशन दिया जाए। ग्राम प्रधान ने बताया कि मामले में ग्राम पंचायत अधिकारी से दो लाख रुपए के भुगतान पर दस हजार रुपये कमीशन देने की बात तय हो गई थी। इसके बाद ग्राम प्रधान ने इसकी शिकायत एंटी करप्शन टीम से करते हुए पूरा मामला लिखित रूप से दिया। शिकायत पर एंटी करप्शन टीम ने जाल बिछा कर नगर कोतवाली क्षेत्र के प्राथमिक विद्यालय खैरा कुंभ नगर के पीछे रहने वाले ग्राम पंचायत अधिकारी विजय कुमार को 10 हजार रुपए रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया। मूल रूप से बलिया जिले के रहने वाले विजय कुमार वर्ष 2010 में ग्राम पंचायत अधिकारी के पद पर नियुक्त हुए थे। वह बलिया के नगर कोतवाली बनकटा मोहल्ले के रहने वाले हैं।
एंटी करप्शन टीम के प्रभारी बोले- नगर कोतवाली में केस दर्ज
इस संबंध में एंटी करप्शन टीम के निरीक्षक धनंजय कुमार सिंह ने बताया कि दस हजार रुपये रिश्वत लेते हुए ग्राम पंचायत अधिकारी को गिरफ्तार किया गया है। मामले में आरोपी के खिलाफ नगर कोतवाली पुलिस में मुकदमा दर्ज कराया गया है।