प्रकृति-पर्यावरण संरक्षण को लेकर पीएम मोदी एक्टिव
मुख्यमंत्री ने महात्मा गांधी के एक विचार का उल्लेख करते हुए कहा कि प्रकृति सबकी आवश्यकता की पूर्ति कर सकती है पर किसी के लोभ को पूरा करने का सामर्थ्य उसमें नहीं है। उन्होंने कहा कि प्रकृति-पर्यावरण संरक्षण को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में चलाए गए कार्यक्रमों का उद्देश्य कार्बन उत्सर्जन को न्यूनतम स्तर पर लाना है।मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रकृति से खिलवाड़ का नतीजा सबने कोविड काल में देखा है।
आठ साल में 17 लाख हैलोजन हटाकर एलईडी स्ट्रीट लाइट लगवाया गया
सीएम योगी काबर्न उत्सर्जन को न्यूनतम करने के लिए प्रदेश सरकार के प्रयासों की चर्चा करते हुए कहा कि 2017 से राज्य सरकार ने प्रदेश से 17 लाख हैलोजन हटाकर एलईडी स्ट्रीट लाइट लगवाई है। हैलोजन से कार्बन उत्सर्जन अधिक होता था साथ ही ऊर्जा का व्यय भी अधिक होता था।एलईडी लाइट लगने से कार्बन उत्सर्जन भी कम हुआ और ऊर्जा की भी बचत हो रही है। एलईडी लगवाने के एवज में संबंधित कम्पनी को ऊर्जा बचत के अंतर का पैसा दिया गया। इस व्यवस्था से निकायों में एक हजार करोड़ रुपये की बचत हुई।
विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना…बढ़ेंगे मिट्टी के उत्पाद, प्रदूषण होगा कम
मुख्यमंत्री ने कहा कि पर्यावरण संरक्षण के लिए ही सरकार ने सिंगल यूज प्लास्टिक पर प्रतिबंध लगाया। इसके समानांतर विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना लागू कर मिट्टी के उत्पादों को बढ़ावा दिया। मिट्टी के कारीगरों को क्षमता बढ़ाने के लिए इलेक्ट्रिक और सोलर चाक दिए गए। इससे प्लास्टिक के कचरे से तो मुक्ति मिली ही, रोजगार के नए अवसर भी सृजित हुए।मुख्यमंत्री ने कहा कि प्लास्टिक उत्पादों के विकल्प रूप में केले के रेशे से उत्पाद बनाने वाले प्लांट का शिलान्यास लखीमपुर में किया गया है। इससे जो उत्पाद बनेंगे वह तीन माह में अपने आप ही मिट्टी में मिल जाएंगे।