दिल्ली: लू नहीं, लेकिन हाल बेहाल
राजधानी दिल्ली में अधिकतम तापमान 42 से 44 डिग्री सेल्सियस के बीच बना हुआ है, जो सामान्य से करीब 3 डिग्री अधिक है। हालांकि तकनीकी रूप से इसे हीटवेव नहीं कहा गया है, क्योंकि तापमान कुछ श्रेणियों में उसकी सीमा से नीचे है। फिर भी ज़मीनी हकीकत कुछ और ही बयान कर रही है। गर्म हवाओं के साथ उमस ने मिलकर लोगों को बुरी तरह परेशान कर दिया है। दिल्ली के कई इलाकों में दिन के समय सड़कों पर सन्नाटा पसरा नजर आता है। जबकि सार्वजनिक स्थलों पर पानी और छांव की खोज बढ़ गई है। मौसम विभाग का कहना है कि 12 जून तक दिल्ली में मौसम में कोई बड़ा बदलाव आने की संभावना नहीं है। यानी न केवल दिन का तापमान ऊंचा बना रहेगा, बल्कि रातों की बेचैनी भी बनी रहेगी।
हरियाणा-पंजाब: हीटवेव की दस्तक
हरियाणा और पंजाब भी गर्मी की चपेट में हैं। हरियाणा के रोहतक और नारनौल में तापमान हीटवेव की स्थिति तक पहुंच चुका है। पंजाब के भटिंडा में अधिकतम तापमान 44.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो कि हीटवेव घोषित होने की सीमा से सिर्फ 0.2 डिग्री कम है। इसका मतलब है कि आने वाले दिनों में यदि तापमान में जरा सा भी इजाफा होता है, तो ये इलाके आधिकारिक तौर पर हीटवेव के दायरे में आ सकते हैं। ग्रामीण इलाकों में किसान और मजदूर वर्ग सबसे अधिक प्रभावित हो रहे हैं। खुले आसमान के नीचे कार्य करना जोखिम भरा होता जा रहा है, और लू से बचने के लिए काम के घंटे सीमित किए जा रहे हैं।
राजस्थान: गर्म हवाओं का कहर, रेगिस्तान बना तंदूर
राजस्थान में हालात और भी गंभीर हैं। यहां के कई शहरों में पारा 45 डिग्री से ऊपर चला गया है। सबसे अधिक गर्म श्रीगंगानगर में 47.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो देश में सबसे ज्यादा तापमानों में शामिल है। इसके अलावा बीकानेर (46.0°C), बाड़मेर (45.9°C), चूरू (45.6°C), फलोदी (45.4°C), जैसलमेर (45.2°C) और कोटा (45.0°C) जैसे शहरों में भी तापमान जानलेवा स्तर पर है। राजस्थान के ये इलाके ‘हीट डोम’ जैसी परिस्थिति में फंसे हुए हैं। जहां धूप मानो शरीर को झुलसा रही है। ग्रामीण क्षेत्र में पानी की कमी और पशुओं की हालत भी चिंताजनक हो गई है।
राहत की उम्मीद कब तक?
भारतीय मौसम विभाग ने जानकारी दी है कि 12 जून के बाद एक पश्चिमी विक्षोभ के सक्रिय होने की संभावना है। इसके प्रभाव से उत्तर भारत में तेज हवाएं चल सकती हैं, धूल भरी आंधी या छिटपुट बारिश की संभावना बन सकती है। यह बदलाव गर्मी से कुछ हद तक राहत दिला सकता है। इसके अलावा पूर्वी हवाओं की आमद भी मौसम को ठंडक दे सकती है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि अत्यधिक तापमान में अधिक समय तक बाहर रहना हानिकारक हो सकता है। बुजुर्गों, बच्चों और हृदय संबंधी रोगियों को विशेष सावधानी बरतने की जरूरत है। पर्याप्त पानी पीना, हल्के रंग के कपड़े पहनना और धूप में सीधी आवाजाही से बचना जरूरी है।