क्या बोले बीजेपी विधायक
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए विधायक पन्नालाल शाक्य ने कहा कि हर कोई किसी न किसी गुणों से संपन्न होता है। कुछ न कुछ उसमें विशेषताएं होती हैं। पर समय की बलिहारी है, जो श्रेष्ठ मानवीय गुण वाले होंगे। उन्हें मौका नहीं मिल पाता है। पता नहीं क्यों, किस बात का डर है, भगवान ही जानें। अब आप सब ने हमें यहां तक आने का मौका दिया। हमारे सामने भी लोभ, लालच, भय सब आता है। इसमें भय की तो कोई बात नहीं, पर लोभ लालच ज्यादा आता है। तो हम उनसे निवेदन कर लेते हैं कि देखो भाई ये माल बिकाऊ नहीं है।
‘ज्यों की त्यों धरि दीन्हि चदरिया’
आगे विधायक ने कहा कि जिनसे सीखा है, उनमें से तो संभवत: आज यहां कोई नहीं होगा। वह भी कभी-कभी कहते थे। अरे तुम कौन-सा रास्ता चलने लगे। मैंने कहा कि आपने ही तो बताया था इस रास्ते से जाना है। जैसा मैंने बताया कि मेरे पास भी बहुत लोभ लालच आते हैं, लेकिन मैं परमात्मा से कहता हूं कि ज्यों की त्यों धरि दीन्हि चदरिया।
सत्ता को सौंपना…सत्ता को सुधारने के लिए समाज को सौंपना
आगे उन्होंने कहा कि हम कौन थे, क्या हो गए हम और अभी क्या होंगे। आओ विचारें आज मिलकर। जब सत्ता, शासक से कहीं गलती होती है। तो समाज उसे सुधार देता है और जब समाज से गलती होती है तो सत्ता उसे समझा देती है। अब ये अपने को विचार करना है कि हमको इस समाज को सुधारने के लिए सत्ता को सौंपना है, या सत्ता को सुधारने के लिए समाज को सौंपना है।